बोकारो: करीब 150 साल पहले सांगजोरी के जमींदार प्रसादी महथा प्रतिदिन की भांति अपने खेतों में घूमने निकले. खेत में पहुंचने पर उन्हें आभास हुआ कि जैसे उनके आस पास मंदिर की घंटी बज रही हो. इस आवाज में एक संदेश छिपा था.
घंटी की टन-टन आवाज को सुन कर प्रसादी महथा थोड़े सहम से गये. इस आभास को लेकर उनके मन में चिंता व संकोच था. श्री बाबा कल्याणोश्वर नाथ शिव मंदिर के संरक्षक बलदेव शर्मा कहते हैं : उनके दादा के दादा के पिता प्रसादी महथा को उसी रात सपने में भोले नाथ ने दर्शन दिया. सुबह उठ कर खेत में जाने का संकेत दिया.
खेत में उन्हें दो घड़ा सोना व चांदी के सिक्के से भरा हुआ मिला. यह बात प्रसादी महथा ने ग्रामीणों को बतायी. ग्रामीणों ने इस धन का उपयोग मंदिर बनाने में करने का फैसला लिया. 1850 में श्री बाबा कल्याणोश्वर नाथ शिव मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हुआ. बलदेव शर्मा पिछले पचास वर्षो से मंदिर के सरंक्षक हैं. अब उनका पुत्र विकास कुमार शर्मा उनकी अनुपस्थिति में मंदिर की देखरेख का कार्य करते हैं. पिछले 35 वर्षो से गिरिडीह जिले के मनोहर पांडेय मंदिर मे पूजा अर्चना कर रहें हैं. अब उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे उनके पुत्र अनंत पांडेय.
दक्षिणोश्वर बजरंग बली : मंदिर परिसर में दक्षिणोश्वर बजरंग बली हैं. गांव के कुल्लू कुम्हार ने वर्ष 2000 में मंदिर में बजरंग बली की प्रतिमा बनारस से लाकर स्थापित करने की चाह रखी. उन्होंने अपने खर्च पर हनुमान मंदिर निर्माण कार्य शुरू कराया. इस दौरान निर्माणाधीन मंदिर ढह जाने की वजह से कुल्लू कुम्हार की मौत हो गयी. हालांकि हनुमान जी की स्थापना हो चुकी थी मगर दक्षिण दिशा में. इस वजह से जिले का इकलौते भगवान दक्षिण दिशा में इसी मंदिर में विराजमान हैं.
वृक्ष में निवास करते नाग देवता : मंदिर परिसर में पीपल वृक्ष है. इस वृक्ष में कई वर्षो से नाग देवता विराजमान हैं. स्थानीय भक्तों ने बताया कि कभी-कभी नाग देवता दर्शन देते हैं. पर किसी भक्त को नुकसान नहीं पहुंचाते.
मंदिर के व्यवस्थापक : बिनोद यादव, डॉ लाल बाबू सिंह, आरएन सिंह, अशोक अग्रवाल, प्रियव्रत राठी, अशोक शर्मा व विमल सहाय.