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हर माह बोकारो देता है सवा सात करोड़ रुपया सर्विस टैक्स
बोकारो: एसी रेस्त्रां में शीतल पेय का आनंद लेना, रियल स्टेट व्यवसायी से महंगा फ्लैट लेना, लाइफ व साधारण बीमा का लाभ लेना… ऐसे ही कई काम के बिल में सर्विस टैक्स का जोड़ रहता है. सर्विस के बदले सरकार कुछ टैक्स टैक्स लेती है. बोकारो हर माह सात करोड़ 25 लाख रुपया सर्विस टैक्स […]
बोकारो: एसी रेस्त्रां में शीतल पेय का आनंद लेना, रियल स्टेट व्यवसायी से महंगा फ्लैट लेना, लाइफ व साधारण बीमा का लाभ लेना… ऐसे ही कई काम के बिल में सर्विस टैक्स का जोड़ रहता है. सर्विस के बदले सरकार कुछ टैक्स टैक्स लेती है. बोकारो हर माह सात करोड़ 25 लाख रुपया सर्विस टैक्स के रूप में सरकार को देता है. जिला में 5817 फर्म सर्विस टैक्स के लिए एससीसी रजिस्टर्ड हैं. इनमें से मात्र 912 फर्म ही सर्विस टैक्स का भुगतान करती है. वित्तीय वर्ष 2016-17 के नवंबर तक 58 करोड़ रुपया सर्विस टैक्स के रूप में जमा हुआ है.
2016-17 (नवंबर तक) में 912 फर्म ने सर्विस टैक्स जमा किया. 2015-16 में यह आंकड़ा 453 था. मतलब एक साल से भी कम समय में सर्विस टैक्स जमा करने वालों की संख्या में लगभग दो गुणा इजाफा हुआ है. अधिकारियों की माने तो सर्विस टैक्स जमा करने वालों की संख्या में हर समय बदलाव आता है. साल में सिर्फ एक बार काम करने वाले फर्म भी सर्विस टैक्स के दायरे में आते हैं, साथ ही साथ दर्जनों बार काम करने वाले भी.
436 फर्म पर कार्रवाई
सर्विस टैक्स जमा नहीं करने वाले 436 फर्म पर 2016-17 में कार्रवाई की गयी है. कई फर्म से इनकम टैक्स विभाग के सहयोग के बाद जुर्माना समेत टैक्स की वसूली की गयी है. लगभग सभी फर्म ने सेल्स टैक्स की कार्रवाई में सहयोग दिया है. अधिकारियों की माने तो सेल्स टैक्स सीधा फर्म पर कार्रवाई नहीं कर सकता. इसलिए कार्रवाई की संख्या में कमी है.
इनवॉयस के आधार पर कार्रवाई : सर्विस टैक्स चोरी करने वालों की पहचान फर्म के इनवॉयस के आधार पर होती है. फर्म पर इनकम टैक्स विभाग के जरिये कार्रवाई की व्यवस्था है. लगातार तीन बार पकड़े जाने पर फर्म पर कड़ी कार्रवाई होती है.
47 सेवा के लिए नहीं देना पड़ता टैक्स
हॉस्पिटल, ब्लड बैंक, बायो वेस्ट का निबटारा, क्लचरल व एजुकेशनल प्रशिक्षण संस्थान, नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन व विश्वविद्यालय की ओर से खेल प्रतियोगिता, सड़क व पुल निर्माण, 60 वर्ग मीटर के कम कीमत वाले मकान निर्माण, 12 फ्लैट से कम का सिंगल यूनिट अपार्टमेंट समेत 47 सेवा के लिए ग्राहकों को सर्विस टैक्स देना पड़ता है. जबकी 119 सेवा को टैक्स के लिए चिह्नित किया गया है.
सर्विस टैक्स जमा करने वालों की संख्या में इस साल इजाफा हुआ है. रजिस्टर्ड फर्म की तुलना में यह संख्या बहुत कम है. कई लोग रजिस्ट्रेशन के बाद काम करना भी बंद कर देते हैं. इस कारण संख्या में लगातार उतार-चढ़ाव होता रहता है.
चंद्र किशोर, अधीक्षक – सर्विस टैक्स, बोकारो डिविजन, रैंज-02
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