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उत्पादन ठप, करोड़ों का नुकसान

तेनु-बोकारो कैनाल लीकेज. बीएसएल और टाउनशिप में गंभीर जल संकट सेक्टरों में प्रत्येक दो दिन में एक ही बार जलापूर्ति बोकारो : जल संकट से बीएसएल में उत्पादन ठप है. तेनु-बोकारो कैनाल लीकेज से बोकारो इस्पात संयंत्र को 440 वोल्ट का झटका लगा है. नियमित रूप से पानी नहीं आने के कारण बीएसएल को अब […]

तेनु-बोकारो कैनाल लीकेज. बीएसएल और टाउनशिप में गंभीर जल संकट

सेक्टरों में प्रत्येक दो दिन में एक ही बार जलापूर्ति
बोकारो : जल संकट से बीएसएल में उत्पादन ठप है. तेनु-बोकारो कैनाल लीकेज से बोकारो इस्पात संयंत्र को 440 वोल्ट का झटका लगा है. नियमित रूप से पानी नहीं आने के कारण बीएसएल को अब तक 440 करोड़ रुपया का नुकसान हुआ है. स्थिति यह है कि संयंत्र के आधा दर्जन से अधिक मिलों से 09 नवंबर से उत्पादन पूरी तरह से ठप है. नहर लीक होने से बीएसएल को दो नवंबर से नियमित पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है.
इस कारण बोकारो स्टील प्लांट और टाउनशिप पर उत्पन्न संकट अभी भी जारी है़ नहर टूटने के बाद मरम्मत के प्रारंभिक प्रयासों के असफल होने के बाद बोकारो स्टील के इंजीनियर्स ने जल संसाधन विभाग के साथ मिलकर स्टील के इस्तेमाल से मरम्मत कार्य शुरू किया़ नहर के चेनेज 23, तेनु घाट डैम के निकट प्रथम एक्विडक्ट के इन्ट्री प्वाइंट पर स्टील प्लेट लगाने का काम किया गया़ बाद में नहर के अन्य अपस्ट्रीम हिस्सों में नये लिकेज हो जाने के कारण डैम से सामान्य तौर पर पानी छोड़े जाने के प्रयास विफल हो गये़,
जो अभी जारी है.
अधिक आर्थिक क्षति की आशंका : पानी की कमी के कारण बीएसएल के रोलिंग मिल्स का परिचालन 09 नवंबर से नहीं किया जा सका है, जिससे प्लांट को गंभीर आर्थिक क्षति पहुंची है़ इसके अलावा टाउनशिप में भी प्रत्येक 48 घंटे में एक ही बार जलापूर्ति की जा रही है़ तेनु नहर की समस्या के समाधान में अनिश्चितता को देखते हुए जल संकट और गहराता हुआ प्रतीत हो रहा है़ ऐसे में आने वाले समय में प्लांट को और अधिक आर्थिक क्षति व नगर वासियों को और अधिक कठिनाई होने की आशंका है़
उन्हें पानी के लिए जूझना होगा.
दो नवंबर से नहर से नहीं आ रहा है नियमित पानी, संयंत्र के आधे दर्जन मिल जोन हैं बंद
हर दिन नहर बन रहा, लीक हो रहा है…
दो नवंबर को नहर लीक होने के बाद मरम्मत का दौर शुरू हुआ. परंपरागत व गैर-परंपरागत तरीका से नहर की मरम्मत की गयी. तीन नवंबर को दोबारा लीकेज होने के बाद परेशानी से निबटने के लिए स्टील प्लेट लगाने की योजना पर काम हुआ. लेकिन, फिर से नाकामी ही हाथ लगी. जहां मरम्मत का काम होता, ठीक उसके आगे से लीकेज की समस्या सामने आ रही है. यह सिलसिला शनिवार तक जारी रहा. इससे तेनु डैम से नहर में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है, जिससे समस्या उत्पन्न हो गयी है.
अभी तो संभलना शुरू किया था
लंबे अरसे से बीएसएल नुकसान का सितम झेल रहा था. नुकसान से उभरने के लिए लगातार कोशिश हो रही थी. इसका असर भी दिखने लगा था. अक्तूबर 2016 में संयंत्र ने 15 करोड़ का लाभ अर्जित किया. लाभ का दौर अभी शुरू ही हुआ था कि नहर लीकेज का मामला सामने आ गया. नहर लीकेज ने प्रबंधन को फिर से नुकसान में धकेल दिया. इसकी भरपाई 2016-17 वित्तीय वर्ष के अंत तक होना भी संभव नहीं दिखती. कारण, अब तक करोड़ों रुपये का नुकसान हो गया है.
10 हजार टन इस्पात प्रति दिन का नुकसान
09 नवंबर से हॉट स्ट्रीप मिल समेत अन्य विभाग में काम पूरी तरह से ठप है. हॉट स्ट्रीप मिल से प्रति दिन 10 हजार टन इस्पात का उत्पादन होता है. इस हिसाब से 20 नवंबर तक 01 लाख 10 हजार टन इस्पात का उत्पादन नहीं हुआ. एक टन इस्पात की कीमत लगभग 40 हजार रुपया है. इस हिसाब 01 लाख 10 हजार टन इस्पात की कीमत 440 करोड़ रुपया आती है. मतलब 11 दिन में संयंत्र को 440 करोड़ रुपया का नुकसान हुआ. अभी भी मिल जोन बंद है. इससे उत्पादन ठप है.
18000 क्यूबिक मीटर प्रतिघंटा चाहिए पानी
तेनु-बोकारो कैनाल से बीएसएल को प्रतिघंटा 18000 क्यूबिक मीटर पानी चाहिए. लेकिन, दो नवंबर से नहर की मरम्मत होने के कारण पानी की आपूर्ति बाधित है. 18 नवंबर को मरम्मत का काम पूरा होने के बाद नहर में थोड़ा-थोड़ा पानी छोड़ा गया है. लेकिन, फिर से एक बार लीकेज की समस्या उत्पन्न हो गयी है. इसकी मरम्मत का काम चल रहा है. इस कारण अभी तक तेनु डेम का गेट पूरी तरह नहीं खोला गया है. नहर में कम पानी छोड़ा जा रहा है. फिलहाल, बीएसएल को प्रतिदिन 12000-13000 क्यूबिक मीटर पानी प्रतिघंटा मिल रहा है.
कूलिंग पौंड के जल स्तर में गिरावट जारी
तेनु-बोकारो नहर से कुलिंग पौंड में पानी आता है. कूलिंग पौंड से बीएसएल व सेक्टरों में पानी की आपूर्ति की जाती है. दो नवंबर से कूलिंग पौंड में पानी की आपूर्ति बाधित है. इस कारण, इसका जल स्तर दिनों-दिन गिरता जा रहा है. पानी की कमी के कारण, बीएसएल का मील जोन पूरी तरह से बंद है, जबकि सेक्टरों में दो दिन पर एक टाइम पानी की आपूर्ति की जा रही है. नहर से जिस मात्रा में पानी कुलिंग पौंड में आना चाहिए, उस मात्रा में नहीं आ रहा है. इस कारण, जल स्तर में गिरावट का सिलसिला जारी है.
फैक्ट फाइल
02 नवंबर 2016 : रात्रि 09 बजे तेनु-बोकारो नहर में रिसाव तेज हुआ. 11 बजे मेन पिलर गिर गया.
03 नवंबर 2016 : सुबह से ही मरम्मत कार्य शुरू हुआ.
04 से 05 नवंबर : ढलाई का काम पूरा हुआ. पानी छोड़ा गया. मरम्मत स्थल के थोड़ा आगे फिर से लीकेज हुआ
05 से 07 नवंबर : मरम्मत कार्य में स्टील प्लेट लगाने पर सहमति बनी. कार्य शुरू हुआ
08 नवंबर : स्टॉक प्वाइंट से पानी छोड़ा गया. स्टील प्लेट के आगे कई जगह लीकेज होने लगा.
09 नवंबर से 18 नवंबर : नहर में जगह-जगह लीकेज की मरम्मति का काम
18 नवंबर : शाम पांच बजे नहर में पानी छोड़ा गया
19 नवंबर : फिर लीकेज की समस्या हो गयी
20 नवंबर : नहर में पानी की थोड़ा-थोड़ा छोड़ा जा रहा है

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