29.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दमा का लगातार दौरा खतरे का संकेत

बोकारो: दमा के मरीज को लगातार दौरा पड़ना गंभीर है. इससे जीवन को खतरा हो सकता है. इस दौरान सूजन के कारण वायु मार्ग संकरा हो जाता है व मांसपेशियों में जकड़न आ जाती है. हवा का प्रवाह बंद हो जाने से श्लेष्ण पैदा हो जाता है. फेफड़ों के बड़े वायु मार्ग प्रभावित होते हैं. […]

बोकारो: दमा के मरीज को लगातार दौरा पड़ना गंभीर है. इससे जीवन को खतरा हो सकता है. इस दौरान सूजन के कारण वायु मार्ग संकरा हो जाता है व मांसपेशियों में जकड़न आ जाती है. हवा का प्रवाह बंद हो जाने से श्लेष्ण पैदा हो जाता है. फेफड़ों के बड़े वायु मार्ग प्रभावित होते हैं.

जिसे ब्रोची (वायु प्रणाली के दो प्रधान कोष्ठों में से एक) कहते हैं. यह बातें डॉ विकास कुमार ने ‘प्रभात खबर’ से कही. कहा कि दमा का इलाज सूजन की रोकथाम व मांसपेशियों को आराम देने पर ही केंद्रित रहता है. दमा फेफड़ों को खासा प्रभावित करता है. अस्थमा में इनहेलर दुष्प्रभावी भी होते हैं.

अस्थमा के एलिजर्क, नॉनएलिजर्क, मिक्सड, एक्सरसाइज इनड्यूस, कफ वेरिएंट, ऑक्यूपेशनल, नॉक्टेर्नल, मिमिक, चाइल्ड ऑनसेट, एडल्ट ऑनसेट प्रकार होते हैं. इसकी जानकारी के लिए स्पिरोमीटरी व पीक फ्लो मीटर जांच जरूरी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें