आयोजन. भारत में समान नागरिक संहिता की प्रासंगिकता विषय पर संगोष्ठी
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भारत सदा संहिता और आचरण में उत्कृष्ट
आयोजन. भारत में समान नागरिक संहिता की प्रासंगिकता विषय पर संगोष्ठी धर्म जागरण समन्वय विभाग बोकारो महानगर का हंस मंडप सेक्टर वन में आयोजन बोकारो : भारत सदा संहिता व आचरण में उत्कृष्ट रहा है. भारत में हमेशा धर्म-अध्यात्म के माध्यम से ही समाज और राज्य पर शासन होता रहा है. देश में यह समस्या […]
धर्म जागरण समन्वय विभाग बोकारो महानगर का हंस मंडप सेक्टर वन में आयोजन
बोकारो : भारत सदा संहिता व आचरण में उत्कृष्ट रहा है. भारत में हमेशा धर्म-अध्यात्म के माध्यम से ही समाज और राज्य पर शासन होता रहा है. देश में यह समस्या अंग्रेजों के आने के बाद आयी. आजादी प्राप्त होने पर इच्छा शक्ति की कमी के कारण यह समस्या अधर में लटकी रही. अब सर्वोच्च न्यायालय ने भारत में समान नागरिक संहिता की बात कहकर हमें उपरोक्त समस्या पर पुर्नविचार करने के लिए विवश किया है. यह बातें धर्म जागरण समन्वय विभाग के क्षेत्र प्रमुख सुबेदार सिंह ने रविवार को हंस मंडप सेक्टर वन में आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता कही.
श्री सिंह ने देश की अखंडता व एकता को बनाये रखने के लिए समान नागरिक संहिता पर बल दिया. धर्म जागरण समन्वय विभाग बोकारो महानगर की ओर से भारत में समान नागरिक संहिता की प्रासंगिकता व आवश्यकता विषयक संगोष्ठी हुई. अध्यक्षता सेल से सेवानिवृत्त अधिशासी निदेशक उदय प्रताप सिंह ने की. बतौर मुख्य अतिथि भू-राजस्व मंत्री अमर बाउरी ने कहा : सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के आलोक में अब प्रत्येक नागरिक को इस विषय पर विचार करना पड़ेगा. उदय प्रताप सिंह ने कहा : देश व समाज को चलाने के लिए एक संहिता आवश्यक है. पहले देश धर्म से चलता था. लेकिन राजनीति इच्छा शक्ति की कमी व तुष्टिकरण की नीति के कारण ही समान नागरिक संहिता लागू नहीं हो पाया. जब समाज जगेगा, तभी यह लागू हो सकेगा. धन्यवाद ज्ञापन स्वरूप पांडेय ने किया. कार्यक्रम का संचालन धर्म जागरण समन्वय विभाग बोकारो महानगर प्रमुख कुमार अमित ने किया.
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