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आज की सबसे बड़ी चिंता कुपोषण : डॉ मिलिंद

आइसोपरब. सेक्टर चार रोटरी क्लब में हुई परिचर्चा में बोकारो, जमशेदपुर व पटना के चिकित्सक जुटे बोकारो : आइसोपरब (इंडियन सोसाइटी ऑफ प्रीनेटनोलॉजी एंड रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी) बोकारो चैप्टर के बैनर तले रविवार को सेक्टर चार स्थित रोटरी क्लब में परिचर्चा हुई. उद‍्घाटन मुख्य अतिथि आइसोपरब के अध्यक्ष डॉ मिलिंद शाह, विशिष्ट अतिथि डॉ केके दास, […]

आइसोपरब. सेक्टर चार रोटरी क्लब में हुई परिचर्चा में बोकारो, जमशेदपुर व पटना के चिकित्सक जुटे

बोकारो : आइसोपरब (इंडियन सोसाइटी ऑफ प्रीनेटनोलॉजी एंड रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी) बोकारो चैप्टर के बैनर तले रविवार को सेक्टर चार स्थित रोटरी क्लब में परिचर्चा हुई. उद‍्घाटन मुख्य अतिथि आइसोपरब के अध्यक्ष डॉ मिलिंद शाह, विशिष्ट अतिथि डॉ केके दास, डॉ एसी मुंशी, डॉ अमिता सिन्हा, डॉ रागिनी सिंह ने संयुक्त रूप से किया. अध्यक्षता डॉ ज्योति गुप्ता व संचालन डॉ अनिमा, डॉ रूपम, डॉ मधुमिता व मीडिया प्रभारी डॉ संगीत कुमार ने संयुक्त रूप से किया.
डॉ मिलिंद ने कहा : आज सबसे बड़ी चिंता बच्चों में कुपोषण को लेकर है. इमें इस दिशा में गंभीर कदम उठाने होंगे. सरकार कई योजनाएं चला रही है. जागरूकता के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली माताओं को जानकारी नहीं मिलती है. हमारी भी जिम्मेवारी है कि हम उन योजनाओं को उन तक पहुंचायें.
स्वस्थ शिशु से ही स्वस्थ समाज का निर्माण : परिचर्चा में जन्म के पूर्व शिशु की देखभाल व मातृ मृत्यु व शिशु मृत्यु दर को कम करने की जानकारी दी गयी. नये शोध से भी विशेषज्ञ अतिथि चिकित्सकों को रूबरू कराया गया. वक्ताओं ने कहा : स्वस्थ शिशु से ही स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है. हमें शिशुओं में होने वाले कुपोषण सहित अन्य बीमारियों को रोकना होगा. इसके लिए प्रसव पूर्व से ही निगरानी जरूरी है. तभी ‘स्वस्थ्य मातृत्व व स्वस्थ्य शिशु’ का सपना पूरा हो सकेगा.
धन्यवाद ज्ञापन डॉ निवेदिता व डॉ इंद्रनील ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर डॉ अंजु परेरा, डॉ वरूणा, डॉ एलके ठाकुर, डॉ एनके साहू, डॉ मीता सिन्हा, डॉ अनुप्रिया, डॉ कौशिक, डॉ चंद्रेशी सहित दर्जनों महिला व पुरूष चिकित्सक मौजूद थे.
कार्यक्रम में आइसोपरब के ऑल इंडिया अध्यक्ष डॉ मिलिंद शाह, डॉ केके दास, डॉ एसी मुंशी, डॉ अमिता सिन्हा, डॉ रागिनी सिंह सहित बोकारो, जमशेदपुर व पटना के प्रख्यात चिकित्सक
मातृ मृत्यु दर को रोकने के लिए केवल संस्थागत प्रसव ही काफी नहीं है. महिलाओं में जागरूकता लानी होगी. बताना होगा कि गर्भवती अस्पताल में सुरक्षित रहेंगी. कुपोषण की जानकारी माताओं को गंभीरता से प्रदान करना होगा.
डॉ अनु प्रिया, सदस्य, आइएसओपीआरबी, बोकारो चैप्टर
सुरक्षित व स्वस्थ शिशु का जन्म तभी संभव है. जब उसकी जांच ठीक से होती रहे. अब ऐसा संभव है. हम भ्रूण की स्थिति व गर्भ में पल रहे शिशु की हर हरकत पर नजर रख सकेंगे. साथ ही दिक्कत होने पर सीधे इलाज कर पायेंगे.
डॉ अंजु परेरा, कोषाध्यक्ष, आइएसओपीआरबी, बोकारो चैप्टर
आइसोपरब लगातार स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता आ रहा है. गर्भस्थ शिशु किस स्थिति में है. दिक्कत होने पर कैसे जांच करेंगे. इन सभी मुद्दों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की ओर से जानकारी दी गयी.
डॉ ज्योति गुप्ता, अध्यक्ष, आइएसओपीआरबी, बोकारो चैप्टर
भारत में वर्तमान समय में मातृ मृत्यु दर प्रति एक लाख लाइव बर्थ में 450 है. इसे 100 लाने का लक्ष्य है. जबकि झारखंड, बिहार व यूपी में वर्तमान समय में यह आंकड़ा 260 है. जागरूकता के अभाव में यह कम नहीं हो पा रहा है.
डॉ मिलिंद शाह, अध्यक्ष, आइएसओपीआरबी, इंडिया चैप्टर
संस्थागत प्रसव को बढ़ाना भी आइसोपरब का लक्ष्य है. प्रसव के दौरान अधिकतर गर्भवती की मौत एक्लेंपसिया, एनीमिया, इंफैक्शन व देखभाल के अभाव में हो जाती है. संस्थागत प्रसव से ऐसा होने से रोका जा सकता है.
डॉ अमिता सिन्हा, सचिव, आइएसओपीआरबी, पटना चैप्टर
समय बदला, तकनीक बदली. स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवीनतम बदलाव भी आये हैं. पहले शिशु की जांच लगातार नहीं हो पाती थी. अब आधुनिक मशीन के जरिये भ्रूण बनने से लेकर प्रसव तक की स्थिति पर हम नजर रखते हैं.
डॉ एसी मुंशी, संरक्षक, आइएसओपीआरबी, बोकारो चैप्टर
मातृ मृत्यु दर को रोकने के लिए केवल संस्थागत प्रसव ही काफी नहीं है. महिलाओं में जागरूकता लानी होगी. बताना होगा कि गर्भवती अस्पताल में सुरक्षित रहेंगी. कुपोषण की जानकारी माताओं को गंभीरता से प्रदान करना होगा.
डॉ अनु प्रिया, सदस्य, आइएसओपीआरबी, बोकारो चैप्टर
सुरक्षित व स्वस्थ शिशु का जन्म तभी संभव है. जब उसकी जांच ठीक से होती रहे. अब ऐसा संभव है. हम भ्रूण की स्थिति व गर्भ में पल रहे शिशु की हर हरकत पर नजर रख सकेंगे. साथ ही दिक्कत होने पर सीधे इलाज कर पायेंगे.
डॉ अंजु परेरा, कोषाध्यक्ष, आइएसओपीआरबी, बोकारो चैप्टर
आइसोपरब लगातार स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता आ रहा है. गर्भस्थ शिशु किस स्थिति में है. दिक्कत होने पर कैसे जांच करेंगे. इन सभी मुद्दों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की ओर से जानकारी दी गयी.
डॉ ज्योति गुप्ता, अध्यक्ष, आइएसओपीआरबी, बोकारो चैप्टर
भारत में वर्तमान समय में मातृ मृत्यु दर प्रति एक लाख लाइव बर्थ में 450 है. इसे 100 लाने का लक्ष्य है. जबकि झारखंड, बिहार व यूपी में वर्तमान समय में यह आंकड़ा 260 है. जागरूकता के अभाव में यह कम नहीं हो पा रहा है.
डॉ मिलिंद शाह, अध्यक्ष, आइएसओपीआरबी, इंडिया चैप्टर
संस्थागत प्रसव को बढ़ाना भी आइसोपरब का लक्ष्य है. प्रसव के दौरान अधिकतर गर्भवती की मौत एक्लेंपसिया, एनीमिया, इंफैक्शन व देखभाल के अभाव में हो जाती है. संस्थागत प्रसव से ऐसा होने से रोका जा सकता है.
डॉ अमिता सिन्हा, सचिव, आइएसओपीआरबी, पटना चैप्टर
समय बदला, तकनीक बदली. स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवीनतम बदलाव भी आये हैं. पहले शिशु की जांच लगातार नहीं हो पाती थी. अब आधुनिक मशीन के जरिये भ्रूण बनने से लेकर प्रसव तक की स्थिति पर हम नजर रखते हैं.
डॉ एसी मुंशी, संरक्षक, आइएसओपीआरबी, बोकारो चैप्टर

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