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क्रिसेंट पब्लिक स्कूल, चास. ”भारत की शिक्षा व्यवस्था का बाजारीकरण” विषयक संगोष्ठी

भारत में पांच तरह की शिक्षा प्रणाली : डॉ मनोज जयप्रकाश स्मारक समिति के सौजन्य से क्रिसेंट पब्लिक स्कूल, चास के सभाकक्ष में ‘भारत की शिक्षा व्यवस्था का बाजारीकरण’ विषयक संगोष्ठी हुई. मुख्य वक्ता के रूप में आजादी बचाओ आंदोलन के संयोजक डॉ मनोज त्यागी ने अपने विचार रखे. चास : जय प्रकाश स्मारक समिति […]

भारत में पांच तरह की शिक्षा प्रणाली : डॉ मनोज

जयप्रकाश स्मारक समिति के सौजन्य से क्रिसेंट पब्लिक स्कूल, चास के सभाकक्ष में ‘भारत की शिक्षा व्यवस्था का बाजारीकरण’ विषयक संगोष्ठी हुई. मुख्य वक्ता के रूप में आजादी बचाओ आंदोलन के संयोजक डॉ मनोज त्यागी ने अपने विचार रखे.
चास : जय प्रकाश स्मारक समिति के सौजन्य से क्रिसेंट पब्लिक स्कूल, चास के सभाकक्ष में ‘भारत की शिक्षा व्यवस्था का बाजारीकरण’ विषयक संगोष्ठी हुई. मुख्य वक्ता के रूप में आजादी बचाओ आंदोलन के संयोजक डॉ मनोज त्यागी ने अपने विचार रखे. अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष अरुण किशोर व संचालन डॉ विजय कुमार विजय ने किया. डॉ त्यागी ने कहा : भारत में शिक्षा, स्वास्थ व अन्य सेवाओं से संबंधित नीतियां गैट समझौते के बाद विश्व व्यापार संगठन और विश्व बैंक निर्धारित कर रहा है. पहले विश्व बैंक के सहयोग से प्राथमिक शिक्षा का व्यवसायीकरण किया गया.
उसके बाद माध्यमिक शिक्षा और अब भारत सरकार उच्च शिक्षा का भी व्यवसायीकरण करने जा रही है. शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 विश्व व्यापार संगठन के दबाव में लागू किया गया था. लेकिन, सरकार विदेशी विश्वविद्यालय बिल लाकर उच्च शिक्षा को भी विदेशी कंपनियों व कॉरपोरेट घरानों के जिम्मे करने जा रही है.
चौदह साल तक के हर बच्चे को अनिवार्य मुफ्त शिक्षा : डॉ त्यागी ने कहा : दुनिया के अधिकांश विकसित देशों में प्राथमिक शिक्षा एक समान और नि:शुल्क दी जाती है. भारत में पांच तरह की प्राथमिक शिक्षा प्रणाली है. भारत के संविधान में नीति-निर्धारक सिद्घांत के तहत् चौदह साल तक के हर बच्चे को अनिवार्य मुफ्त व एक समान शिक्षा देने की बात कही गयी है. सरकार द्वारा बनाये गये कोठारी आयोग और डाॅ राममूर्ति आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट में इस लक्ष्य को प्राप्त करने की सिफारिश की है.
एक समान शिक्षा नीति लागू करना जरूरी : अदीप कुमार ने कहा : सरकार की गलत नीतियों के कारण स्कूल के बाद अब कॉलेज व विश्वविद्यालय भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हाथ में आ जायेंगे. शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने के लिए एक समान शिक्षा नीति लागू करना जरूरी है. कार्यक्रम में कुमार राकेश, ओमप्रकाश गुप्ता, रमाकांत वर्मा, प्रो़ साधना श्रीवास्तव, सुनील कुमार, मनोज भारती, ज्योतिश कुमार सिंह, शिवनाथ महतो, उमेश कुमार, एसके सिंह, विवेक कुमार, मो़ महबूब आलम, राजेश कुमार सिंह, विधानचन्द्र राय, मासूम अंसारी आदि उपस्थित थे.

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