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रूनकी-झुनकी बेटी मांगेली पढ़ल
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य 17 को बोकारो : ‘रूनकी-झुनकी बेटी मांगेली पढ़ल पंडितवा दामाद, हे छठि मईया सुनी ना अरजिया हमार…’ इन दिनों गली-गली में यह गुहार सुनायी दे रही है. सूर्योपासना के महान छठ पर्व की तैयारी अंतिम चरण में है. दउरा, सूप सहित छठ पूजन सामग्री की खरीदारी के लिए दुंदीबाग बाजार सहित […]
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य 17 को
बोकारो : ‘रूनकी-झुनकी बेटी मांगेली पढ़ल पंडितवा दामाद, हे छठि मईया सुनी ना अरजिया हमार…’ इन दिनों गली-गली में यह गुहार सुनायी दे रही है. सूर्योपासना के महान छठ पर्व की तैयारी अंतिम चरण में है. दउरा, सूप सहित छठ पूजन सामग्री की खरीदारी के लिए दुंदीबाग बाजार सहित चास-बोकारो में अनेक स्थानों पर भीड़ उमड़ रही है.
चार दिवसीय छठ पर्व 15 नवंबर को नहाय-खाय के साथ के साथ शुरू होगा. 16 नवंबर को खरना है. अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य 17 को और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य 18 नवंबर को दिया जायेगा. इधर, शनिवार को छठ व्रतियों ने नेम-निष्ठा के साथ नहाय-खाय (कद्दू-भात) की तैयारी की. रविवार को छठ व्रती दिन में अरवा चावल का भात व कद्दू की सब्जी और रात में रोटी व कद्दू की सब्जी ग्रहण करेंगी.
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