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सेल : डिसिजन मेकर नहीं होने से लाखों का डैमेज

बोकारो: जून 2015 से सेल चेयरमैन का पद रिक्त है. मार्च 2015 से डायरेक्टर पर्सनल सेल का पद रिक्त. डायरेक्टर प्रोजेक्ट सेल व स्टील सेक्रेटरी भी नियमित नहीं. सेल की वर्तमान स्थिति यही है. सेल में उच्च पदों पर अधिकारी नहीं रहने के कारण लाखों का डैमेज हो रहा है. डिसिजन मेकर के नहीं रहने […]

बोकारो: जून 2015 से सेल चेयरमैन का पद रिक्त है. मार्च 2015 से डायरेक्टर पर्सनल सेल का पद रिक्त. डायरेक्टर प्रोजेक्ट सेल व स्टील सेक्रेटरी भी नियमित नहीं. सेल की वर्तमान स्थिति यही है. सेल में उच्च पदों पर अधिकारी नहीं रहने के कारण लाखों का डैमेज हो रहा है. डिसिजन मेकर के नहीं रहने से बीएसएल सहित पूरे सेल की स्थिति दयनीय हो गयी है. उधर, बीएसएल सहित पूरे सेल अधिकारियों की मांग भी लंबित है. इधर, 75 हजार करोड़ रुपये के खर्च से सेल के आधुनिकीकरण की दशा-दिशा देखनेवाला कोई नहीं.

खल रही ठोस निर्णयों की कमी : जून 2015 में सेल चेयरमैन सीएस वर्मा रिटायर हो गये. सेल सूत्रों के अनुसार, रिटायरमेंट के लगभग छह माह पहले सेल चेयरमैन के सभी पावर सीज कर लिये जाते हैं. मार्च 2015 में सेल के डायरेक्टर पर्सनल रिटायर हुए. प्राप्त जानकारी के अनुसार, इनका पावर तीन माह पहले सीज हो जाता है. मतलब, देखा जाये तो जनवरी 2015 से ही सेल के आला अधिकारी नहीं हैं. इस कारण कोई बड़ा डिसिजन नहीं हो पाया. अभी सेल के पास नियमित चेयरमैन, डायरेक्टर पर्सनल, डायरेक्टर प्रोजेक्ट, स्टील सेक्रेटरी नहीं है. इससे कोई ठोस निर्णय नहीं हो पा रहा है.

कई निर्णय सेटलमेंट मोड में
बीएसएल सहित सेल अधिकारियों व कर्मियों की कई लंबित मांग सेटलमेंट मोड में हैं. लेकिन सभी बड़े पदों के खाली रहने से निर्णय नहीं हो पा रहे. कारण, कंपनी स्तर के निर्णयों का इन अधिकारियों से अनुमोदित होना जरूरी है. उच्चाधिकारियों के अभाव में प्रमोशन भी लंबित है. उक्त सभी पदों के कार्यवाहक पदाधिकारी किसी भी निर्णय से कतराते देखे जा रहे हैं.

सेल को हो रहा है घाटा
नियमित सेल चेयरमैन, डायरेक्टर पर्सनल, डायरेक्टर प्रोजेक्ट, स्टील सेक्रेटरी के अभाव में सेल को घाटा हो रहा है. सेल में 75 हजार करोड़ की लागत से आधुनिकीकरण का काम हो रहा है. कुछ काम पूरा हो गया है तो कुछ पूरा होने की स्थिति में है. उच्च पदाधिकारियों के अभाव में आधुनिकीकरण के काम की मॉनीटरिंग उचित ढंग से नहीं हो पा रही है. सेल की बहुत-सी इकाइयों में उत्पादन नहीं हो रहा है. तैयार माल की बिक्री नहीं हो रही है. इससे सेल की आमदनी प्रभावित हो रही है. इन सबके लिए उच्चाधिकारियों की कमी खल रही है.

अधिकारी व कर्मी चिंतित
सेल चेयरमैन, डायरेक्टर पर्सनल, डायरेक्टर प्रोजेक्ट, स्टील सेक्रेटरी के पद नियुक्ति बिहार विधान सभा चुनाव के बाद होने की संभावना है. मतलब, अभी दो-तीन माह और उच्च अधिकारी सेल को नहीं मिलेंगे. इससे बीएसएल सहित पूरे सेल के अधिकारी व कर्मी चिंतित है. कारण, जब तक उक्त पदों पर अधिकारियों की नियुक्ति नहीं होगी, तब तक किसी भी मांग पर ठोस निर्णय नहीं लिया जायेगा. इनमें अधिकारियों व कर्मियों की कई ऐसी डिमांड है, जो उच्च अधिकारियों की नियुक्ति के ही पूरी हो जायेगी. कारण, कई डिमांड सेटलमेंट मोड में हैं.
पेंशन, पीआरपी, वेतन विसंगति…
बीएसएल सहित पूरे सेल के अधिकारी पेंशन, पीआरपी, वेतन विसंगति, ई-1 व ई-2 इंट्री लेबल स्केल इन्हैंसमेंट को लेकर टेंशन में हैं. इसको लेकर बोकारो सहित पूरे सेल के अधिकारी कई दिनों से आंदोलनरत है. सेल चेयरमैन, डायरेक्टर पर्सनल, डायरेक्टर प्रोजेक्ट, स्टील सेक्रेटरी के अभाव में अधिकारियों की मांग पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा पा रहा है. बताया जा रहा है कि अधिकारियों की उक्त सभी डिमांड सेटलमेंट के अंतिम चरण में है. लेकिन, उच्च अधिकारियों के अभाव में इन पर अंतिम रूप से मुहर नहीं लग पा रही है.

बोनस पर कैसे होगा फैसला?
दुर्गा पूजा के आते ही बोनस की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है. अलग-अलग यूनियन अलग-अलग बोनस राशि की डिमांड कर रही है. सवाल है कि बोनस पर कैसे फैसला होगा? सेल चेयरमैन, डायरेक्टर पर्सनल, डायरेक्टर प्रोजेक्ट, स्टील सेक्रेटरी के अभाव में कौन तय करेगा कि कितना बोनस मिलेगा? वैसे 15 अक्तूबर को सेल प्रबंधन के साथ यूनियन प्रतिनिधियों की बैठक नयी दिल्ली में होगी. इसमें उत्पादन व उत्पादकता, प्लांट परफॉरमेंस, आधुनिकीकरण, अद्यतन स्थिति, बाजार आदि पर चर्चा होगी.

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