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बोकारो में महज 27 फीसदी धनरोपनी

चिंताजनक : लबालब हैं खेत, इसके बावजूद जिले में कृषि कार्य की गति धीमी राजू नंदन, चास इस वर्ष पूर्वानुमान के विपरीत बेहद अच्छी बारिश हुई है, लेकिन इसका फायदा नजर नहीं आ रहा. लगातार हो रही बारिश के बावजूद जिले में धान रोपनी की गति धीमी है. अभी तक महज 27.41 फीसदी ही धान […]

चिंताजनक : लबालब हैं खेत, इसके बावजूद जिले में कृषि कार्य की गति धीमी

राजू नंदन, चास

इस वर्ष पूर्वानुमान के विपरीत बेहद अच्छी बारिश हुई है, लेकिन इसका फायदा नजर नहीं आ रहा. लगातार हो रही बारिश के बावजूद जिले में धान रोपनी की गति धीमी है. अभी तक महज 27.41 फीसदी ही धान की रोपनी हो पायी है. वहीं मक्का को छोड़ कर अन्य खरीफ फसलों की बुआई की गति भी काफी धीमी है. जिले में मक्के की बुवाई 77.45 फीसदी, मोटा अनाज की 23.59 फीसदी, दलहन 28.95 फीसदी व तेलहन की 26.21 फीसदी ही बुनाई हो पायी है.

गौरतलब है कि कृषि विभाग की ओर से 33 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जबकि 31 जुलाई तक 9046 हेक्टेयर भूमि में धान की रोपनी हो पायी है.

चास प्रखंड क्षेत्र में सबसे अधिक 2243 हेक्टेयर भूमि में धान की रोपनी हुई है, जबकि यहां 7592 हेक्टेयर भूमि में धान रोपनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिले में सबसे कम बेरमो प्रखंड में 178 हेक्टेयर भूमि में धान रोपनी हुई है.

जिले में सामान्य से अधिक बारिश होने से धान मक्का, मोटा अनाज, दलहन व तेलहन की फसल इस बार अच्छी होने की संभावना है, लेकिन शायद किसान जागरूकता के अभाव में बेहतर ढंग से खेती नहीं कर पा रहे हैं. इसके कारण जिला अनाज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर नहीं पाया है. इस दिशा में कृषि विभाग भी सक्रिय नहीं दिख रहा, जिसका प्रमाण जिले में खरीफ फसल की बुवाई का आंकड़ा दे रहा है.

किसानों को देर से मिला खाद-बीज : जिला कृषि विभाग की ओर से किसानों को 20 जून के बाद खाद-बीच मुहैया कराया गया है, जिसके कारण जून का अंतिम सप्ताह बीज डालने में बीत गया. इस बार किसानों को प्रशिक्षण भी नहीं दिलाये जाने की बात सामने आयी है.

3722 हेक्टेयर में हुई है दलहन की बुनाई

जिले में 12,900 हेक्टेयर में दलहन फसल लगाने का लक्ष्य जिला कृषि विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है, जबकि 30 जुलाई तक सिर्फ 3722 हेक्टेयर भूमि में दलहन लगाया गया है.

वहीं तेलहन की खेती 1240 हेक्टेयर भूमि पर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन 325 हेक्टेयर भूमि में तेलहन अभी तक लग पाया है. मक्के के लिए 9620 हेक्टेयर भूमि लक्ष्य निर्धारित है, जबकि 7451 हेक्टेयर भूमि में अभी तक इसे लगाया गया है.

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