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वन्नमकाली नहीं फिर भी धूम

बोकारो: अथम से तिरुओणम तक मनाया जाने वाला त्योहार ओणम चास-बोकारो में मनाया जा रहा है. कृषि से संबंधित इस त्योहार में केरल की तरह यहां वन्नमकाली यानी सांप की तरह की नाव की दौड़ तो नहीं हो रही, पर लोग घर-घर में पूकालम यानी फूलों की रंगोली बनाना नहीं भूल रहे. यह त्योहार यहां […]

बोकारो: अथम से तिरुओणम तक मनाया जाने वाला त्योहार ओणम चास-बोकारो में मनाया जा रहा है. कृषि से संबंधित इस त्योहार में केरल की तरह यहां वन्नमकाली यानी सांप की तरह की नाव की दौड़ तो नहीं हो रही, पर लोग घर-घर में पूकालम यानी फूलों की रंगोली बनाना नहीं भूल रहे.

यह त्योहार यहां दस दिनों तक केरल की तरह ही मनाया जायेगा. ओणम त्योहार के बारे में कहा जाता है कि बहुत साल पहले राजा महाबली केरल में थे.

वह एक न्यायप्रिय, दयालु व प्रजावत्सल थे. मान्यता है कि राजा हर साल ओणम पर अपनी प्रजा का हालचाल जानने के लिए उनके घर आते हैं. प्रजा अपने प्रिय राजा के स्वागत में बड़े उत्साह के साथ ओणम त्योहार मनाते हैं.

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