बोकारो: पिता (सतीश प्रसाद सिंह) संगीत शिक्षा प्राप्त करना चाहते थे, पर किसी कारण वह नहीं कर सके. हर पल यह कसक उन्हें सताती थी. इस कसक को दूर करने के लिए उन्होंने मुङो संगीत क्षेत्र से जुड़ने के लिए प्रेरित किया. मैंने भी उनके अरमान को पूरा करने की ठान ली. यह कहना है स्वामी सहजानंद बीएड कॉलेज के संगीत लेक्चरर दीपक कुमार का. श्री कुमार 2014 से बतौर संगीत लेक्चरर कॉलेज में पदस्थापित हैं.
इससे पहले स्वामी सहजानंद पब्लिक स्कूल में संगीत शिक्षक कार्यरत थे. श्री कुमार तबला वादन के उस्ताद हैं. वह आधुनिक वाद्य यंत्र को संगीत के विकास के लिए जरूरी बताते हैं. साथ ही संगीत में ईलता के लिए बाजार व श्रोताओं को जिम्मेदार मानते हैं. श्री कुमार कहते हैं : संगीत की आत्मा शास्त्रीय संगीत में ही छिपी होती है.
छात्रों ने किया नाम रोशन : श्री कु मार बताते हैं : छात्र परुतोष कुमार, सेक्टर-3/डी मेरी शिक्षा के कारण पुणो में तबला वादन करता है. विमल कुमार, सेक्टर-2/ए भी संगीत में हाइ एजुकेशन के लिए दिल्ली गया है. ऐसे कई छात्र हैं जिन्होंने नाम रोशन किया है.