इसमें एक सेंटर में सोनोग्राफी मशीन ही नहीं मिली. अन्य चार सेंटरों में भी कई खामियां पायी गयीं. दल सदस्यों ने सभी केंद्रों में सोनोग्राफी मशीन की स्थिति, मशीन चलाने वाले ऑपरेटर की उपस्थिति, फार्म एफ को भरने संबंधित जानकारी, निबंधित स्थल पर मशीन है या नहीं, आदि जानकारियां निरीक्षण के दौरान ली. यह भी देखा गया कि कहीं इन सेंटरों में बीमारी जांच की आड़ में भ्रूण हत्या तो नहीं की जा रही.
मशीन से जुड़े सभी कागजातों की जांच टीम ने की. टीम ‘ए’ कुल 38 सोनोग्राफी सेंटरों का निरीक्षण करेगी. निरीक्षण दल में एसीएमओ डॉ सुनील उरांव, आरसीएचओ डॉ केके सिन्हा, डॉ सेलिना टुडू, प्रोएमआइएस अभय कुमार बंटी, एनजीओ प्रतिनिधि मनोज शर्मा शामिल हैं.