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री-एडमिशन व विविध शुल्क लेने वाले स्कूल पर गिरेगी गाज
नर्सरी व प्रेप में टेस्ट लेने वाले 12 स्कूलों को नोटिस बोकारो : जिला प्रशासन री-एडमिशन व आटीइ लागू करने के मामले में सख्त हो गया है. री-एडमिशन व अन्य विविध प्रकार के फी लेने के मामले में स्कूलों को चिह्न्ति किया जा चुका है. कुछ मामलों में साक्ष्य एकत्रित किया जा रहा है. वहीं […]
नर्सरी व प्रेप में टेस्ट लेने वाले 12 स्कूलों को नोटिस
बोकारो : जिला प्रशासन री-एडमिशन व आटीइ लागू करने के मामले में सख्त हो गया है. री-एडमिशन व अन्य विविध प्रकार के फी लेने के मामले में स्कूलों को चिह्न्ति किया जा चुका है. कुछ मामलों में साक्ष्य एकत्रित किया जा रहा है. वहीं नर्सरी व प्रेप में एडमिशन के लिए टेस्ट लेने वाले 12 स्कूलों को नोटिस भेजा गया है. इसमें शहर के नामी गिरामी स्कूल भी शामिल हैं.
कई स्कूलों ने दिया जवाब : नर्सरी व प्रेप में एडमिशन के लिए टेस्ट लेने वाले 12 स्कूलों में से कुछ स्कूल ने इस संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में अपना जवाब भेजा है. इसमें स्कूल ने टेस्ट लेने की अनुमति स्कूल प्रबंधन समिति अथवा लोकल कमेटी का आदेश बताया है.
नहीं हुआ है बीपीएल बच्चों का नामांकन : नर्सरी व अन्य कक्षा में बीपीएल बच्चों का एडमिशन नहीं हुआ है.
कमेटी की प्रारंभिक जांच के दौरान इस प्रकार के मामले सामने आ रहें है. डीडीसी ने कहा : आरटीइ के उल्लंघन के मामले में स्कूल से फाइन वसूला जायेगा.
अब तक हुई कार्रवाई की हुई समीक्षा : डीडीसी अरविंद कुमार ने शुक्रवार को डीएसइ के साथ अब तक हुई कार्रवाई की स्थिति की जानकारी ली. डीएसइ ने र्पिोट के संबंध में पूरी जानकारी से अवगत कराया.
स्कूल थमा रहा है अभिभावकों को नोटिस
स्कूल प्रबंधन जिला प्रशासन के निर्देश के बावजूद अभिभावकों को फी जमा करने का नोटिस भेज रहा है. अभिभावक प्रशासन के स्तर से होने वाली कार्रवाई का इंतजार कर रहें है. अभिभावकों की निगाहें जिला प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हुई है.
विद्यालय प्रबंधन द्वारा री-एडमिशन सहित अन्य मद में वसूली जा रही राशि को लेकर राष्ट्र भक्त समाज ने शुक्रवार को सेक्टर चार सिटी सेंटर में समाज की ओर से जिला प्रशासन व विद्यालय प्रबंधन का संयुक्त रूप से पुतला दहन किया गया. नेतृत्व अध्यक्ष धर्मवीर सिंह ने किया. राष्ट्र भक्त समाज की ओर से 20 अप्रैल को समाहरणालय के समक्ष विशाल धरना-प्रदर्शन व सभा की जायेगी.
गिरिडीह : आदेश के बावजूद छात्रों से शुल्क वसूली जारी
गिरिडीह जिले के प्राइवेट स्कूलों में जिला प्रशासन के आदेशों का अब तक कोई असर नहीं दिख रहा. 13 अप्रैल को हुई बैठक में विभिन्न मदों में शुल्कों पर अंकुश लगाते हुए नया शुल्क का निर्धारण किया गया था. स्कूलों को बैठक में लिये गये निर्णय का अक्षरश: पालन करने को कहा गया था. लेकिन जिला के अधिकांश प्राइवेट स्कूलों में जिला प्रशासन के इन आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं.
देवघर : गुमराह करना बंद करे निजी स्कूल : डीसी
री-एडमिशन व मासिक शुल्क में वृद्धि की शिकायत के बाद जिले के प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधन के साथ उपायुक्त अमीत कुमार ने समाहरणालय में बैठक की. इसमें डीसी ने कहा कि आरटीइ में री-एडमिशन व एनुअल मेंटेनेंस फीस का कोई प्रावधान नहीं है. आरटीइ के अनुसार ट्यूशन फीस का मतलब सभी प्रकार का फीस होता है. डिफरेंट फीस के नाम पर अभिभावक को गुमराह करना बंद करें.
स्कूल प्रबंधन ने जो भी एनुअल फीस निर्धारित किया है, वह 12 माह में बांट कर टय़ूशन फीस में शामिल करें. स्कूल प्रबंधन कंप्यूटर क्लासेस फीस, स्मार्ट क्लासेस फीस सहित डिफरेंट फीस के नाम पर अभिभावक को गुमराह करना बंद करें. स्कूल प्रबंधन बगैर पैरेंट्स-टीचर एसोसिएशन के ही स्कूलों में मासिक शुल्क में वृद्धि कर रहे हैं. यह नियम के विपरीत है.
सभी स्कूल प्रबंधन अभिभावक की शिकायत को नहीं सुनेंगे तो विवश होकर वो सड़क पर उतरेंगे ही. इसलिए एक्ट का अनुपालन करते हुए एक सप्ताह के अंदर स्कूलों में पैरेंट्स टीचर एसोसिएशन का गठन कर मीटिंग करें. जिस क्लास की फीस बढ़ायी जायेगी, उस बैठक में एसोसिएशन में उस वर्ग कक्ष के अभिभावक भी शामिल होंगे.
बैठक में डीइओ शशि कुमार मिश्र, डीएसइ सुधांशु शेखर मेहता, रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ के सचिव स्वामी त्याग रूपानंद जी महराज, डीएवी पब्लिक स्कूल सातर के प्रिंसिपल डॉ आरसी शर्मा, डीएवी पब्लिक स्कूल कास्टर टाउन के प्रिंसिपल एके प्रखर, संत फ्रांसिस स्कूल देवघर के प्रिंसिपल फादर कुरियन सहित देवघर के विभिन्न प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपल व प्रतिनिधि उपस्थित थे.
स्कूल कैंपस में यूनिफॉर्म व बुक्स बेचने के लिए लेना होगा ट्रेड लाइसेंस
उपायुक्त ने स्कूल के प्रतिनिधियों से कहा कि अभिभावकों से शिकायत मिल रही है कि स्कूल प्रबंधन यूनिफॉर्म व बुक्स को लेकर दबाव बनाते हैं. स्कूलों के कैंपस के अलावा बाजार में चिह्न्ति दुकानों से ही यूनिफॉर्म व बुक्स लेने का दबाव बनाया जाता है. सभी स्कूल प्रबंधन इस प्रकार का धंधा छोड़ दें.
अगर स्कूल प्रबंधन कैंपस में यूनिफॉर्म व बुक्स बेचते हैं, तो उन्हें ट्रेड लाइसेंस अनिवार्य रूप से लेना होगा. बगैर ट्रेड लाइसेंस के कारोबार करने वाले स्कूल प्रबंधन मुश्किल में पड़ जायेंगे. अगर स्कूल प्रबंधन को कोई दिक्कत है तो बताएं. वरना अभिभावक से शिकायत मिलने पर सीधा कार्रवाई की जायेगी.
15 फीसदी से ज्यादा नहीं हो शुल्क वृद्धि
डीसी ने प्राइवेट स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिया कि वे किसी भी सूरत में मासिक शुल्क में 15 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी नहीं करें. देवघर के चार-पांच स्कूलों के संबंध में अभिभावक की शिकायत मिली है कि वे टय़ूशन फीस में करीब 20 फीसदी का वृद्धि कर दिये हैं. इसलिए चेतावनी दी गयी है कि वो वृद्धि किये गये शुल्क में संशोधन कर लें, नहीं तो एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी. वहीं आरटीइ एक्ट के तहत प्राइवेट स्कूलों में इंट्री लेवल की कक्षा में 25 फीसदी सीटों पर बीपीएल कोटि के बच्चों का दाखिला सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है. 21 अप्रैल तक वीकर सेक्शन के बच्चों का दाखिला के लिए विभागीय स्तर से हर संभव प्रयास किया जायेगा.
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