यह कहना है उप विकास आयुक्त अरविंद कुमार का. वे गुरुवार को चास स्थित जिला शिक्षा कार्यालय में शिक्षा अधिकार अधिनियम की समीक्षा के दौरान बोल रहे थे. कहा : शिक्षा अधिकार अधिनियम जिले में 2010 से ही लागू है, लेकिन बीते वर्षो में इस अधिनियम को कारगर बनाने का प्रयास नहीं किया गया. वहीं इस दिशा में अभिभावकों से मिली शिकायतों को दूर करने का भी प्रयास नहीं किया गया.
पूर्व के सत्रों में अविभाजित वर्ग से नामांकन दर भी काफी कम रहा. डीडीसी ने कहा कि झारखंड सरकार से मिले निर्देशों का पालन हर हाल में करना है. साथ ही सभी निजी विद्यालयों को भी अधिनियम को लागू करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से बाध्य कर दिया जायेगा. अधिनियम पालन नहीं करने वाले विद्यालय की मान्यता रद्द होगी. मौके पर डीएसइ विनीत कुमार, एडीपीओ आशीष कुमार आदि मौजूद थे.