बेरमो: राज्य गठन के 14 वर्ष बाद भी स्थानीय नीति नहीं बनी. राज्य झारखंडियों, आदिवासियों व मूलवासियों के लिए बना. आज वे हक से वंचित हैं. खतियान के आधार पर राज्य की स्थानीय नीति तय होनी चाहिए. ग्रेड तीन व चार के पदों पर इन्हें प्राथमिकता मिलनी चाहिए. राज्य निर्माण में यहां के लोगों ने कुरबानियां दी हैं. यह कहना है खरसावां के विधायक दशरथ गगरई का. श्री गगरई करगली अतिथिगृह में सोमवार को प्रभात खबर से बातचीत कर रहे थे.
सरकार का कार्यकाल संतोषजनक नहीं : श्री गगरई ने कहा : सरकार के सौ दिन के कार्यकाल संतोषजनक नहीं हैं. सरकार घोषणाओं पर अमल भी करे. राज्य बनने के बाद पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है, इसलिए राज्य का विकास सरकार की जिम्मेवारी बनती है. कहा : इस बार विस में शून्यकाल में सर्वाधिक सवाल डुमरी विधायक जगरनाथ महतो ने किये. मैंने भी शून्य काल में कई अहम सवालों को उठाया.
कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ : उपस्थित जिला व प्रखंड के पदाधिकारियों ने उन्हें अपनी भावनाओं से अवगत कराया. संगठन में अनुशासन बरकरार रखने पर उन्होंने जोर दिया. चुनाव को लेकर बोकारो में पार्टी में घटित घटना को संगठन के लिए अहितकर कहा. डुमरी विधायक जगरनाथ महतो ने कहा कि कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ होते हैं. कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान से ही संगठन व पार्टी मजबूत होगा.
ये थे उपस्थित : झामुमो के जिला सचिव बेनीलाल महतो, यदु महतो, मो समीद, इंद्रनाथ महतो, मुमताज आलम, संतोष महतो, नागेश्वर करमाली, विश्वनाथ तुरी, मुन्नीलाल महतो, कृष्णा थापा, जगदीश महतो, सुभाष चंद्र महतो, त्रिवेणी महतो, गणोश प्रसाद, नरेश महतो, फीरोज खान,ठाकुर नारायण महतो, अजमुल अंसारी, राजेश महतो, महेश महतो, विजय सोनी, देवी दास, मुक्तेश्वर महतो,मोहन महतो, मोहन मुमरू, हरिश्चंद्र मरांडी, चंदन राम, बैजनाथ महतो, गोविंद कमार, लुकमान अंसारी, बहादुर महतो, अशोक दसौंधी, छोटेलाल गुप्ता, आभास चंद्र गांगुली सहित जिला के सभी प्रखंडों के पदाधिकारी उपस्थित थे.