बोकारो: समाज निर्माण में स्त्री की भूमिका पुरुषों से अधिक होती है. वे उनको जन्म व संस्कार देते हुए एक स्वस्थ्य नागरिक बनाती हैं. भगवान को जन्म देने वाली भी मां ही है.
इसलिए स्त्री को हेय दृष्टि से नहीं देखना चाहिए. यह कहना है चिन्मय मिशन की ब्रहमचारिणी सुचेता चैतन्य का. वे सेक्टर दो ए स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर प्रांगण में मंगलवार को आयोजित मातृ सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं.
विद्यालय प्रांगण में आयोजित मातृ सम्मेलन का उदघाटन ब्रहमचारिणी सुचेता चैतन्य, प्रधानाचार्य डॉ शैलेश मिश्र, सचिव सिद्धेश नारायण दास ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर विद्यालय अध्यक्ष लल्लन नाथ दीक्षित, सचिव अरुण कुमार मिश्र, कोषाध्यक्ष रघुवर सिंह, फूलकांत झा आदि मौजूद थे.