बोकारो. राउरकेला इस्पात संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस-4 में 18 जनवरी को कोल डस्ट इंजेक्शन प्रणाली का प्रचालन शुरू हो चुका है. यह नवीनतम परिचालित सुविधा, तकनीकी आर्थिक मापदंडों को बेहतर बनाने और ब्लास्ट फर्नेस में हॉट मेटल की उत्पादकता बढ़ाने में प्रभावकारी होगी. ब्लास्ट फर्नेस-4 के कोल डस्ट इंजेक्शन को 100 किलो/टन हॉट मेटल इंजेक्शन की क्षमता के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग रु पया 30 करोड़ की वित्तीय बचत होगी.
प्रणाली में कोल डस्ट इंजेक्शन के माध्यम से पलवराइज्ड कोल इंजेक्शन (पीसीआई) सुविधा द्वारा महंगें कोल के स्थान पर सस्ते कोल का उपयोग होगा, जिससे लागत में कमी आयेगी. इस सुविधा से दक्षता में बढ़ोत्तरी होगी और कोल के सीधे उपयोग से कच्चे माल का अनुकूलतम उपभोग होगा. कोक दर घटेगा. ब्लास्ट फर्नेस-4 की कोल डस्ट इंजेक्शन सुविधा एक पूंजीगत योजना है, जो सेल द्वारा किए जा रहे वृहद आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण के साथ इस्पात संयंत्र में जारी विस्तारीकरण कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है.
क्या है पलवराइज्ड कोल इंजेक्शन : पलवराइज्ड कोल इंजेक्शन (पीसीआई) ब्लास्ट फर्नेस प्रक्रिया मापदंडों को बेहतर बनाने और फर्नेस लाभप्रदता को बढाने का अनिवार्य उपकरण है. पीसीआई वह प्रक्रिया है, जिसमें ब्लास्ट फर्नेस में सूक्ष्म कोल कणिकायें भारी मात्र में ब्लोइंग में शामिल होती हैं. यह कोक उत्पादन की आवश्यकता को कम करते हुए, धात्विक लौह के उत्पादन की गति को बढाने के लिए, अनुपूरक कार्बन स्त्रोत प्रदान करता है. इसके परिणाम स्वरूप ऊर्जा उपभोग और उत्सर्जन कम किये जा सकते हैं. यह ब्लास्ट फर्नेस में कोक खपत में ठोस कमी लाने में सहायक होगा.