बोकारो: जेवीएम में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. बोकारो विधायक समरेश सिंह को मनाने में जेवीएम बार-बार फेल हो रहा है. रात के अंधेरे में जेवीएम के प्रधान महासचिव सह विधायक दल के नेता प्रदीप यादव मीडिया से बचते-बचाते समरेश सिंह के आवास पर आ रहे हैं. यादव बुधवार रात करीब नौ बजे सेक्टर-4 स्थित दादा के आवास पर पहुंचे. काफी देर तक दोनों के बीच गुफ्तगू हुई. करीब 11 बजे यादव लौटे.
दादा के नजदीकी लोगों का कहना है कि इस बैठक के बाद मामला और बिगड़ गया है. दादा अपनी जिद से पीछे नहीं हट रहे हैं, जिसके बाद पार्टी पर संकट के बादल और गहरा गये हैं. वहीं दूसरी तरफ सूबे में सरकार बनने की सुगबुगाहट के मद्देनजर जेवीएम सतर्क है कि कहीं दादा कोई और दावं न खेल दें.
पार्टी में बहुमत का किया दावा : दादा ने प्रभात खबर से बातचीत के दौरान इस बात से इनकार किया कि उसने मिलने रात में कोई आया था. पर पार्टी को लेकर अपना स्टैंड साफ किया. सरकार में शामिल होने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अगर पार्टी में मेरी बात नहीं मानी जाती है. समाधान नहीं होता है तो मैं अपने विधायक समर्थकों के साथ कांग्रेस के साथ मिल कर सरकार बनाने में साथ हो जाऊंगा. कहा : पार्टी में मेरा बहुमत है.
मुझे जेवीएम से अलग होने की जरूरत नहीं है. जिनके पास बहुमत नहीं है वो पार्टी छोड़ कर जा सकते हैं. दादा ने दो टूक में कहा कि जेवीएम के नेतृत्व में सरकार बने या सीएम जेवीएम का हो तो मैं सरकार में शामिल होने को तैयार हूं.
आखिर चल क्या रहा है पार्टी में : दादा अपनी राजनीतिक जीवन के आखिरी दौर को यादगार बनाना चाह रहे हैं. आसानी से रिटायरमेंट लेना नहीं चाह रहे हैं. दो महीने पहले ही उन्होंने प्रदीप यादव के बहाने बाबूलाल मरांडी के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. अंदर की बात माने तो दादा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और चुनाव समिति के चेयरमैन बनने के जिद ठाने बैठे हैं. जबकि पार्टी इनकी मांग को सिरे से खारिज कर रही है. पार्टी उन्हें उनका कद और उनका तजुरबा को को मानते हुए उन्हें एक गार्जियन की हैसियत से रहने की नसीहत दे रही है. जो दादा को कतई मंजूर नहीं.