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मधुमक्खी के बाद अब बंदर का आंतक

करगली वाशरी. दर्जनों कर्मियों व अधिकारियों ने बंदर ने बनाया शिकारपीओ ने डीएफओ को लिखा पत्रबेरमो फोटो जेपीजी 7-3 एवं 7-4 घायलों की तसवीरप्रतिनिधि, फुसरोमधुमक्खी के बाद कई दिनों से सीसीएल करगली वाशरी के अधिकारी व कर्मी बंदरों के आतंक से दहशत में हैं. बंदरों के खौफ से कर्मी काम नहीं कर पा रहे हैं. […]

करगली वाशरी. दर्जनों कर्मियों व अधिकारियों ने बंदर ने बनाया शिकारपीओ ने डीएफओ को लिखा पत्रबेरमो फोटो जेपीजी 7-3 एवं 7-4 घायलों की तसवीरप्रतिनिधि, फुसरोमधुमक्खी के बाद कई दिनों से सीसीएल करगली वाशरी के अधिकारी व कर्मी बंदरों के आतंक से दहशत में हैं. बंदरों के खौफ से कर्मी काम नहीं कर पा रहे हैं. बंदरों का हमला कई दिनों से जारी है. जानकारी के अनुसार शुक्रवार को बंदरों ने वाशरी कर्मी मोहन सिंह को काट कर घायल कर दिया. उनका उपचार करगली क्षेत्रीय अस्पताल में किया गया. इसी तरह कर्मी सुरमा डोम, महेंद्र ठाकुर, दीपक रवानी, दिलीप, साहनी राम, सुरेश महतो, अनिल कुमार मुंशी, सीनियर क्लर्क दिनेश सिंह सहित कई अधिकारी बंदरों के हमले के शिकार हो चुके हैं. एएसएसआइ मोहन राम ने इस बाबत परियोजना पदाधिकारी को पत्र लिख कर घटना की जानकारी दी है. इसके बाद पीओ बीके झा ने बोकारो के डीएफओ को पत्र लिख कर बंदर के आतंक के संबंध में उन्हें जानकारी दी है. पत्र में कहा है कि दस दिनों के अंदर करगली एक्सकैवेशन में बंदर ने आधा दर्जन कर्मियों को जख्मी कर दिया. वहीं करगली ओपेन कास्ट मंे कार्यरत कर्मी वरुण सेन गुप्ता भी बंदर के शिकार हो चुके हैं. ढोरी प्रक्षेत्र की अमलोे परियोजना में कार्यरत फणि भूषण शर्मा को बंदर के शिकार हो चुके हैं. लगातार बंदरों के हमले से कर्मी दहशत में हैं. इससे पूर्व मधुमक्खियों के हमले से कर्मी डरे सहमे थे.

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