नयी दिल्ली : प्रसिद्ध अभिनेत्री शबाना आजमी का मानना है कि बलात्कारियों के लिए फांसी की सजा से न्याय की प्रक्रिया में विलंब होगा. समय की मांग है कि सजा की अवश्यंभाविता की मांग की जाये.
सीआईएसएफ द्वारा लैंगिक संवेदनशीलता पर आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए 61 वर्षीय पूर्व सांसद ने कहा कि कानून को लागू करने में विलंब आज देश के समक्ष असली चुनौती है.
उन्होंने कहा, कानून अपने आप कुछ बदलाव नहीं ला सकता. हमें कानून को लागू करने की आवश्यकता है. हमें ठोस जांच और त्वरित न्याय की आवश्यकता है. हमें कठोर सजा नहीं बल्कि सजा की अवश्यंभाविता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, बलात्कारियों को मौत की सजा देने की मांग को लेकर काफी हो-हल्ला हो रहा है लेकिन जो लोग कानून से निपटते हैं उनका कहना है कि बलात्कार के मामलों में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में 10 साल या उससे भी अधिक वक्त लगा है.
उन्होंने कहा, मौत की सजा के मामले में इसे दिए जाने से पहले पुख्ता सबूत की आवश्यकता होती है. यह न्याय की प्रक्रिया को धीमा कर देगा. हमें मौत की सजा की मांग नहीं करनी है बल्कि सजा की अवश्यंभाविता की मांग करनी है. प्रसिद्ध अभिनेत्री ने सही तरह की शिक्षा प्रदान करके समाज की सोच में भी बदलाव लाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
उन्होंने कहा, मैं तीन साल की बच्ची के लिए पाठ्य पुस्तक में पूछे गए सवालों को पढ़ रही थी. उसमें कुछ विशिष्ट तरह के सवाल और जवाब थे. उसमें एक सवाल था पिता कहां हैं और जवाब था, वह दफ्तर में हैं. अगला सवाल था, मां कहां है और जवाब था वह रसोई घर में है. हम क्यों बच्चे के मन में यह बिठा रहे हैं कि निभाई जाने वाली भूमिका लिंग के अनुसार होगी.