बोकारो: शिक्षक दिवस के दिन बोकारो एक बार पुन: गौरवान्वित हुआ. 14 वर्ष के बाद बीएसएल के संस्कृत शिक्षक रवि शंकर तिवारी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2013 से महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सम्मानित किया. श्री तिवारी बीएसएल के दूसरे शिक्षक बन गये हैं, जिन्हें राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत किया गया.
श्री तिवारी मूलत: किसान परिवार से आते हैं. इनकी प्राथमिक शिक्षा दीक्षा बिहार के भोजपुर जिला में हुई. इसके बाद रांची (एकीकृत बिहार) अपने भाई के यहां शिक्षा हासिल की. श्री तिवारी ने ‘प्रभात खबर’ से सोमवार को बातचीत करते हुए बताया कि परिवार में बाबा व पिताजी संस्कृत के ज्ञाता थे. इसलिए उन पर भी संस्कृत का प्रभाव था. अपने इस सम्मान का वास्तविक हकदार उन्होंने पत्नी कांति देवी, प्राचार्य राम विनोद कुमार प्रसाद व शिक्षक मित्र टीके रॉय को बताया.
तैयार करते हैं छात्रों की फौज : श्री तिवारी हर वर्ष 50 छात्रों को संस्कृत में दीक्षित करते हैं. ये छात्र राष्ट्रीय स्तर पर संस्कृत प्रतियोगिताओं में शामिल होते हैं. सभी छात्रों को पुरस्कार भी हासिल होता है. श्री तिवारी का लक्ष्य संस्कृत के प्रति जागरूकता फैलाना है. यह निरंतर जारी रखने की बात कहते हैं.
पहले भी बोकारो को मिला था सौभाग्य : 14 वर्ष बाद बोकारो इस्पात विद्यालय के शिक्षक को राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने का गौरव मिला है. वर्ष 2000 में सेक्टर 11 के प्राचार्य एमओ कोरियाकोस को यह पुरस्कार मिला था. इसके बाद वर्ष 2014 में सेक्टर छह ए स्थित बीआइवी के संस्कृत पीजीटी शिक्षक रवि शंकर तिवारी को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस सम्मान समारोह में देश भर से कुल 354 शिक्षक जुटे थे. इसमें संस्कृत के मात्र 15 शिक्षक शामिल थे. इसमें दो शिक्षकों को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि अरबी व फारसी के पांच शिक्षक को सम्मानित किया गया. समारोह में झारखंड से मात्र चार शिक्षक सरकारी स्तर पर शामिल हुए. इसमें दो प्राथमिक व दो माध्यमिक शिक्षक को सम्मानित किया गया.
श्री तिवारी को मिला : राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2013 के तहत श्री तिवारी को 24 हजार का डीडी, एक सम्मानित प्रमाण पत्र, एक मेडल, एक पुस्तकों का सेट व सम्मानित शिक्षकों की सूचीबद्ध एक संग्रहीत पुस्तिका.
सहयोगी शिक्षकगण : भृगुनाथ त्रिपाठी, ए रानी, आर किरण, बीपी सिंह, एके चौधरी, एन महतो, एसएन झा, एस कुमारी, आरएन सिंह, डी हलधर, एलएम सोय, केके पांडेय, एस रॉय.