बेरमो : झुमरा और पारसनाथ पहाड़ पर पवन ऊर्जा के उत्पादन के लिए जरूरी सर्वेक्षण हो चुका है. सर्वेक्षण के अनुसार उक्त दोनों स्थानों पर वायु वेग की उपलब्धता को देखते हुए पवन चक्की स्थापित करने के लिए इरेडा (इंडियन रिन्यूएवल एनर्जी डेवलपमेंट ऑथोरिटी) ने तकनीकी स्वीकृति दे दी है.
राज्य सरकार से वनभूमि की अनापत्ति नहीं मिलने के कारण पवन चक्की स्थापित करने की प्रक्रिया लंबित है. यह जानकारी इरेडा के सीएमडी केएस पोपली ने राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान, चेन्नई में सोमवार को ऊर्जा पर संसदीय स्थायी समिति की बैठक में दी.
झारखंड की उपेक्षा पर सवाल : श्री पोपली ने गिरिडीह सांसद रवींद्र कुमार पांडेय को आश्वस्त किया कि वनभूमि की अनापत्ति मिलते ही पवन चक्की स्थापित की जायेगी. देश के सभी राज्यों में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए केंद्र सरकार के निर्देशानुसार इरेडा प्रयत्नशील है.
सांसद श्री पांडेय ने झारखंड की उपेक्षा के लिए इरेडा के अधिकारियों को आड़े हाथों लिया. कहा कि अन्य प्रदेशों की तरह गिरिडीह संसदीय क्षेत्र सहित पूरे झारखंड मे वनभूमि और गैर कृषि योग्य भूमि की प्रचुरता के बावजूद सौर अथवा पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए एक भी परियोजना स्थापित नहीं की गयी.
मौके पर मुख्य रूप से रिन्यूएवल एनर्जी के संयुक्त सचिव बीपी यादव, इरेडा के निदेशक वित्त एसके भार्गव, तकनीकी निदेशक नवीन भाई शाह के अलावा दर्जनाधिक सांसद और जिप सदस्य भरत यादव उपस्थित थे.