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बालीडीह : पति व ननद को आजीवन सश्रम कारावास

बोकारो : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश द्वितीय जनार्दन सिंह की अदालत ने सुनीता देवी की हत्या में फैसला सुनाते हुए गुरुवार को पति व ननद को आजीवन सश्रम कारावास की सजा दी है़ सजा पाये मुजरिम में पेटरवार थाना क्षेत्र के पिछरी निवासी (स्थानीय पता-बालीडीह) पति सुनील मिश्रा व सुनील की बहन सीता देवी […]

बोकारो : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश द्वितीय जनार्दन सिंह की अदालत ने सुनीता देवी की हत्या में फैसला सुनाते हुए गुरुवार को पति व ननद को आजीवन सश्रम कारावास की सजा दी है़

सजा पाये मुजरिम में पेटरवार थाना क्षेत्र के पिछरी निवासी (स्थानीय पता-बालीडीह) पति सुनील मिश्रा व सुनील की बहन सीता देवी शामिल है. न्यायालय में यह मामला सेशन ट्रायल संख्या 429/10 व बालीडीह थाना कांड संख्या 102/09 के तहत चल रहा था.

सरकार की तरफ से अपर लोक अभियोजक राकेश कुमार राय ने अदालत में साक्ष्य व गवाह प्रस्तुत किया. घटना की प्राथमिकी बालीडीह थाना के चौकीदार बुद्धु मांझी के बयान पर दर्ज किया गया था.

क्या है मामला : 15 अक्तूबर 2009 को बालीडीह थाना क्षेत्र के कूलिंग पौंड में एक अज्ञात महिला का शव हाथ-पैर बंधे हुए अवस्था में मिला था. अखबार में फोटो छपने के बाद मृतका की पहचान बालीडीह निवासी सुनीता देवी के रूप में हुई.

मृतका सुनीता देवी पिछरी निवासी सुनील मिश्रा की पत्नी थी. वह अपने आवास से लगभग एक सप्ताह से गायब थी़ सुनीता के गायब होने के बाद आस-पड़ोस के लोगों ने जब सुनील मिश्रा व सुनील की बहन सीता देवी से पूछताछ की तो दोनों ने अलग-अलग बात बतायी.

सुनील मिश्रा ने सुनीता के मायका जाने की बात कही. जबकि सीता देवी ने बताया कि सुनीता अपनी एक सहेली के साथ गयी है. इसी दौरान सुनील मिश्रा अपने घर में रखा सुनीता का कपड़ा पड़ोसी के घर में फेंक दिया और दरवाजा बंद कर अपनी बहन के साथ फरार हो गया.

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