चास : महायज्ञ के पूर्णाहुति से वातावरण स्वच्छ होता है. यज्ञ के अग्नि में पड़ने वाले घी, तिल, चंदन की लकड़ी आदि के धुआं वातावरण को स्वच्छ बनाते है. यह धरती के लिये अच्छा होता है. यह कहना है नरसिंह दास महाराज का. वह सोमवार को तेलीडीह बस्ती में आयोजित श्रीश्री राम चरित मानस पाठ एवं प्रवचन सह विष्णु महायज्ञ के समापन पर अंतिम दिन प्रवचन दे रहे थे. महायज्ञ में शामिल पाठकर्ताओं ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच आहूति दी. विद्वानों व संत समाज को आयोजनकर्ताओं की ओर से विदाई दी गयी.
वार्ड पार्षद आशा देवी ने बताया कि चैती नवरात्र के मौके पर महायज्ञ का आयोजन किया गया था. बताया कि महायज्ञ कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से आये नरसिंह दासजी महाराज के नेतृत्व में काशी के शास्त्री नित्यानंद दासजी महाराज, अयोध्या के श्रीराम बिहारी दासजी महाराज व गीता रामायणी जी ने प्रवचन दिया. आयोजन को सफल बनाने में समर महतो, सुफल महतो, दिनेश महतो, प्रदीप महतो, अनादी महतो, तरणी महतो, सुरेंद्र महतो, सपन महतो, दुर्जन महतो, आनंद महतो, विक्की कुमार, मिंटू, रिंकु आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.