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बोकारो एिक्टविटी डॉक्टर रहे हड़ताल पर, अस्पतालों से मरीजों को लौटना पड़ा

ब्लैक डे. आइएमए चास व झासा के चिकित्सकों ने किया एमसीआइ भंग करने व एनएमसी गठन का विरोध, ओपीडी सेवा ठप बोकारो : आइएमए व झासा के आह्वान पर मंगलवार को जिला भर के सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर रहे और ब्लैक डे मनाया. सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक ओपीडी […]

ब्लैक डे. आइएमए चास व झासा के चिकित्सकों ने किया एमसीआइ भंग करने व एनएमसी गठन का विरोध, ओपीडी सेवा ठप

बोकारो : आइएमए व झासा के आह्वान पर मंगलवार को जिला भर के सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर रहे और ब्लैक डे मनाया. सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक ओपीडी सेवा नहीं दी. इसके कारण सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा छोड़ कर इलाज की सुविधा ठप रही.
कैंप दो स्थित सदर अस्पताल, चास अनुमंडल अस्पताल व जैनामोड़ रेफरल अस्पताल में कई मरीज ओपीडी पहुंचे, लेकिन बिना इलाज कराये वापस लौट गये. सदर अस्पताल में दिन तीन बजे तक चार मरीजों को दाखिल किया गया. देर शाम तक 22 मरीजों को इमरजेंसी सेवा मिली. चास अनुमंडल अस्पताल में देर शाम तक 17 मरीजों को इमरजेंसी सेवा दी गयी. इसी तरह निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम में भी इमरजेंसी सेवा बहाल रखी गयी थी. लेकिन, किसी तरह की कोई सर्जरी नहीं की गयी.
सदर अस्पताल में आये कई मरीजों के आग्रह पर चिकित्सकों ने उनके जांच रिपोर्ट देख कर सलाह देकर वापस भेजा. मंगलवार को सदर अस्पताल में बंध्याकरण नहीं हुआ. बंध्याकरण के लिए आने वाली महिलाओं की सूची अटेंडेंट सोहर साव ने सहिया के माध्यम से बनायी और सभी को अगले मंगलवार को बुलाया गया. शाम छह बजे के बाद चिकित्सकों के ओपीडी सेवा कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी कतार दिखी. झासा व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन चास से जुड़े लगभग 300 चिकित्सकों ने ब्लैक डे को सफल बताया.
सदर अस्पताल आये लोगों ने कहा
अस्पताल आने पर पता चला कि चिकित्सक हड़ताल पर हैं. लेकिन, अन्य दिनों में भी काफी परेशानी होती है. डॉक्टर कभी देर से आते हैं, तो कभी मिलते नहीं है.
अमरेंद्र सिंह, सेक्टर दो डी
यहां आने पर पता चल रहा है कि चिकित्सक हड़ताल पर हैं. इलाज नहीं होगा. अब क्या करें, वापस ही लौटना पड़ेगा.
निर्मला देवी, वंशीडीह चास
अस्पताल आने से पहले अब पता कर लेना होगा कि चिकित्सक हैं या नहीं. सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था रखनी चाहिए थी, ताकि लोगों को परेशान ना हो.
सुलेखा देवी, दुंदीबाद बाजार
आम आदमी के लिए ही सब परेशानी है. कोई वीआइपी रहेगा तो हर हाल में इलाज किया जायेगा. सरकार को ऐसी स्थिति में कुछ करना चाहिए था.
पूजा कुमारी, दुंदीबाद बाजार
चिकित्सकों व आम आदमी के हित में नहीं है एनएमसी : डॉ अमन
आइएमए भवन सेक्टर पांच में मंगलवार को आइएमए चास की ओर से प्रेस वार्ता की गयी. अध्यक्ष डॉ अमन श्रीवास्तव व सचिव डॉ रणवीर कुमार सिंह ने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया वर्षों से मेडिकल कॉलेज, चिकित्सकों व देश की स्वास्थ्य सेवाओं को संचालित करती है. समय-समय पर दिशा-निर्देश भी देती है. एनएमसी (नेशनल मेडिकल काउंसिल) में कई ऐसे प्रावधानों को शामिल किया गया है, जो आम आदमी व चिकित्सकों के हितों को प्रभावित करेंगे. इससे कई परेशानियों का सामना चिकित्सकों व आम आदमी को करना होगा. ऐसे बिल का विरोध हमेशा ही आइएमए चास करता रहेगा. झासा से जुड़े चिकित्सक भी हमारे साथ है.
मौके पर आइएमए चास के डॉ मिथिलेश कुमार, डॉ शहनवाज अनवर, डॉ मनोज श्रीवास्तव, डॉ रणधीर कुमार सिंह, डॉ संजय कुमार, डॉ अनुराग श्रीवास्तव, डॉ विकास कुमार, डॉ राजेश कुमार, डॉ सुजीत पांडेय, डॉ संगीत कुमार, डॉ रणवीर कुमार, डॉ रतन केजरीवाल, डॉ अंबरिश सोनी, डॉ मीता सिन्हा, डॉ जाहिद अली सिद्दीकी, डॉ अर्चना कुमारी, झासा से डॉ अर्जुन प्रसाद, डॉ एचडी सिंह, डॉ विभा सिंह, डॉ निकेत चौधरी, डॉ ज्योति लाल, डॉ संजय कुमार, डॉ एके चौधरी, डॉ रवि शेखर, डॉ विकास कुमार आदि मौजूद थे.

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