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ईश्वर को संग कर लेना ही वास्तविक सत्संग है : अमृता
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान का पांच दिवसीय ‘रामचरित मानस व गीता ज्ञान’ का दूसरा दिन सेक्टर 02/सी स्थित दुर्गा पूजा मैदान में हुआ आयोजन बोकारो : ईश्वर काे संग कर लेना ही वास्तविक सत्संग है. सत्य का मतलब ईश्वर है. संसार तो परिवर्तनशील है, लेकिन ईश्वर अपरिवर्तनशील है. इसे स्वयं में आत्मसात कर लेना ही […]
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान का पांच दिवसीय ‘रामचरित मानस व गीता ज्ञान’ का दूसरा दिन
सेक्टर 02/सी स्थित दुर्गा पूजा मैदान में हुआ आयोजन
बोकारो : ईश्वर काे संग कर लेना ही वास्तविक सत्संग है. सत्य का मतलब ईश्वर है. संसार तो परिवर्तनशील है, लेकिन ईश्वर अपरिवर्तनशील है. इसे स्वयं में आत्मसात कर लेना ही सत्संग का कर्म है. यह बात आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी अमृता भारती ने कही. दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से आयोजित पांच दिवसीय रामचरितमानस व गीता ज्ञान के दूसरे दिन बुधवार को साध्वी अमृता सत्संग की महिमा का गुणगान कर रही थी. आयोजन सेक्टर 02/सी स्थित दुर्गा पूजा मैदान में हुआ. कहा : इंसान के जीवन में सत्संग आने से आचरण में परिवर्तन हो जाता है.
स्वामी धनंजयानंद ने भी श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक बातें बतायी. भव्य आरती के बाद कार्यक्रम समाप्त हुआ. राजेश्वर सिंह, रामकृष्ण त्रिपाठी, पंकज झा, ब्रजेश मिश्रा, भृगुनाथ सिंह, प्रेमनाथ पांडेय, अविनाश कुमार, डीके झा आदि मौजूद थे.
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