श्री सिंह बुधवार को अपने ढोरी स्टाफ क्वार्टर स्थित आवास में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोल इंडिया में 60 फीसदी से ज्यादा उत्पादन से जुड़े ठेका मजदूरों पर किसी का ध्यान नहीं है. इंटक ठेका मजदूरों की लड़ाई लड़ रही है. एनसीडब्ल्यू पांच से लेकर नौ तक हमने वेज बोर्ड में इंटक की ओर से अग्रणी भूमिका निभाते हुए कोयला मजदूरों को काफी कुछ दिलवाया. आज मजदूरों की सुविधाओं में कटौती कर वेज एग्रीमेंट करने वाली तीन यूनियनों के नेता प्रबंधन के साथ मिल कर केक काट रहे हैं. ऐसे लोग प्रबंधन को फायदा पहुंचाने की खुशी मना रहे हैं. हमने मजदूरों का बोनस साढ़े तीन हजार से 54 हजार रुपया तक पहुंचाया. इस बार अन्य लोग मात्र तीन हजार की बढ़ोतरी करा पाये. मजदूरों की सुविधाओं को लेकर इंटक ने कोल इंडिया में आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है. नौ अक्तूबर को कंपनी मुख्यालयों में प्रदर्शन के बाद 16-18 अक्तूबर को सभी माइंसों में वर्क टू रुल आंदोलन होगा. इसके बाद 31 अक्तूबर को इंदिरा गांधी के शहादत दिवस पर रेल व रोड से कोयला का डिस्पैच ठप किया जायेगा. छह से आठ नवंबर तक कोयला उद्योग में हड़ताल होगी.
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अब पांच साल का वेज एग्रीमेंट नहीं होगा
बेरमो: इंटक के राष्ट्रीय महामंत्री और पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि कोल इंडिया में आने वाले समय में वेज एग्रीमेंट संभवत: नहीं होगा. होगा भी तो वह पांच की जगह दस साल का होगा. जेबीसीसीआइ भी समाप्त हो जायेगी और ट्रेड यूनियनों की कोई भूमिका नहीं रह जायेगी. सरकार की मंशा कोल […]
बेरमो: इंटक के राष्ट्रीय महामंत्री और पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि कोल इंडिया में आने वाले समय में वेज एग्रीमेंट संभवत: नहीं होगा. होगा भी तो वह पांच की जगह दस साल का होगा. जेबीसीसीआइ भी समाप्त हो जायेगी और ट्रेड यूनियनों की कोई भूमिका नहीं रह जायेगी. सरकार की मंशा कोल सेक्टर को बड़े-बड़े पूंजीपतियों के हाथों सौंप देने की है. कोल इंडिया की सभी इंकलाइनों को बंद किया जा रहा है. वीआरएस स्कीम लाने तथा आश्रितों का नियोजन खत्म करने की तैयारी चल रही है.
संडे ड्यूटी में डबल वेज को गौण कर दिया गया है. पेंशन फंड को दूसरे पैसे से जोड़ा जा रहा है. आने वाले समय में कोल इंडिया की स्थिति डीवीसी व सेल जैसी हो जायेगी. डीवीसी में वेज व बोनस गायब हो रहा है. कांग्रेस के समय शुरू हुई डीवीसी की यूनिटों को बंद किया जा रहा है.
273 मिलियन टन प्राइम कोकिंग कोल के खनन के लिए बंद की गयी धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन
श्री सिंह ने कहा कि सरकार ने 273 मिलियन टन प्राइम कोकिंग कोल के खनन के लिए डीसी लाइन को बंद किया है. बड़े-बड़े ठेकेदार इस काम को लेने की तैयारी में हैं. कोयला मंत्री व कोल इंडिया के चेयरमैन गोमो और गया जंक्शन आकर प्राइवेट रैक से जा रहे कोयला को चेक करें, तब पता चलेगा कि किस तरह का कोयला देश के पावर, सीमेंट व स्टील प्लाटों में भेजा जा रहा है. ऐसे में उद्योग कहां से चलेगा. प्राइवेट रैक के कोयला की गुणवत्ता व तौल में बड़े पैमाने पर घपला हो रहा है. सीसीएल, बीसीसीएल, इसीएल व डब्ल्यूसीएल की स्थिति खराब है. सीसीएल व बीसीसीएल में कई कोलियरियां व वाशरी बंद हो रही हैं. मजदूरों को बैठा कर पैसा दिया जा रहा है. सभी कोल हैडलिंग प्लांट बैठ गये हैं. प्रबंधन उत्पादन का गलत आंकड़ा पेश कर रहा है.
इंटक मामले में है सरकार का सीधा हस्तक्षेप
श्री सिंह ने कहा कि इंटक का मामला फिलहाल कोर्ट में चल रहा है. इसमें सरकार का सीधे हस्तक्षेप हो रहा है. सरकार खुद कहती है कांग्रेस मुक्त देश की तरह इंटक मुक्त उद्योग हो. गत वर्ष बोनस की बैठक में कोल इंडिया ने पत्र लिख कर मुझे आमंत्रित किया, लेकिन बाद में कोर्ट में लोग मेरे खिलाफ चले गये.
एपेक्स जेसीसी में क्यों गया आश्रितों का मामला
इंटक महामंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि आश्रितों के नियोजन का मामला एनसीडब्ल्यू-पांच से चला आ रहा है. इसे जेबीसीसीआइ जैसे बड़े बॉडी से एपेक्स जेसीसी में क्यों ले जाया गया? जेबीसीसीआइ गठन के समय सीटू के मेंबरशिप के आधार पर एक-एक सीट रेग्यूलर व वैकल्पिक को मिला कर मिल रहा था. इंटक ने अपनी सीट घटा कर सीटू व एचएमएस की सीट बढ़ायी. बीएमएस के कहने पर कोल इंडिया में हड़ताल का नोटिस दिया गया. आज भी यह मामला सीएलसी के यहां पेडिंग है.
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