चास: यूनीसेफ के राज्य समन्वयक धर्मेंद्र कुमार एवं बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) बोकारो के सदस्य डॉ प्रभाकर कुमार ने पिंड्राजोरा व चंद्रपुरा थाना में बने बाल मित्र कक्ष का बुधवार को निरीक्षण किया. समन्वयक धर्मेंद्र ने बताया कि झारखंड राज्य के कुल 111 बाल मित्रवत पुलिस थानों में कुछ थानों को मॉडल बाल मित्रवत थाना का दर्जा दिया जाना है.
इसमें 21 मानकों, न्यूनतम अहर्ता का होना अनिवार्य माना गया है. इसी के तहत थानों का निरीक्षण किया गया. उन्होंने कहा कि सभी अहर्ताओं को पूरा करने वाले को ही बाल मित्र थाना का प्रमाणपत्र दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि बाल मित्र थानों में बाल मित्र कमरा, बच्चों के बैठने की उपयुक्त सुविधा, कुर्सी, टेबल, शौचालय, बाथरूम, कमरे में बच्चों से संबंधित मनोरंजन के साधन, स्वच्छ पेयजल, बच्चों के पढ़ने के किताब आदि मौजूद होने चाहिये, ताकि बच्चे सहज रह पायें.
बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी सादे लिबास में रहेंगे. डॉ प्रभाकर ने बताया कि थानों में बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी सामुदायिक गतिविधियों, बाल विवाह निषेध अधिनियम, बाल श्रम, किशोर न्याय अधिनियम, घरेलू हिंसा अधिनियम, पोस्को आदि की बैठक व चर्चा नियमित करेंगे. साथ ही थानों में फर्स्ट एड की सुविधा, बच्चों के अलग-अलग रजिस्टर, बच्चों से संबंधित जानकारी वर्धक पोस्टर प्रदर्शित होने चाहिए. बच्चों से संबंधित वादों, दर्ज किये शिकायतों, कार्यवाही के लिये अलग रजिस्टर, स्वयं सेवी संस्थाओं, चाइल्ड लाइन, सीडब्ल्यूसी, जेजेबी, डीसीपीयू, अस्तपाल सहित अन्य की सूचना बाल मित्र थानों में प्रदर्शित होना चाहिये.