गोमो: तोपचांची थाना क्षेत्र के खेसमी में आधा दर्जन से अधिक डकैतों ने रेलकर्मी ध्रुवचंद्र मंडल के घर में डाका डाला. रविवार की देर रात हुई घटना में डकैतों ने हथियार के बल पर दो घंटे से अधिक समय तक उत्पात मचाया. इस दौरान डकैतों ने नकदी समेत करीब चार लाख की संपत्ति लूट ली. सोमवार की सुबह घटना की जानकारी मिलने पर तोपचांची इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी लखन राम घटनास्थल पर पहुंचे और श्री मंडल से पूरी जानकारी ली. उन्होंने अपराधियों को जल्द गिरफ्तार कर कांड के उद्भेदन करने की बात कही. पुलिस डकैतों की तलाश में जुट गयी है.
मुख्य दरवाजा का ताला तोड़ अंदर घुसे
ध्रुव चंद्र मंडल ने बताया कि देर रात करीब दो बजे सात की संख्या में डकैत उनके घर में प्रवेश किये. वे मुख्य दरवाजा का ताला तोड़ अंदर घुसे. डकैतों ने सबसे पहले ध्रुव, उनकी पत्नी सरस्वती देवी, पुत्र राकेश मंडल तथा भतीजा कलेंद्र मंडल का हाथ कपड़े से बांध दिया. तीन डकैतों के हाथ में कट्टा, जबकि अन्य के हाथों में भुजाली आदि हथियार थे. डकैतों ने धमकाते हुए घरवालों को हल्ला करने से मना किया. इसके बाद बक्सा तथा अालमीरा की चाबी मांगी. चाबी नहीं देने पर गोली मारने की धमकी देने लगे. डकैत कलेंद्र मंडल को भुजाली का भय दिखा सभी कमरों में ले गये. उधर, अन्य लोगों को एक कमरे में बंद कर दिया.
चाची, भूख लगी है… कुछ खिला दो
डकैतों ने श्री मंडल का घर रात दो बजे से सवा चार बजे तक खंगाला. इसके बाद इत्मीनान से चलते बने. जाते–जाते धमकाया कि अब वे बगल के घर में डकैती करने जा रहे हैं. हल्ला करने पर उन्हें गोली मार देंगे. अलसुबह करीब पांच बजे गांव के लोग उस रास्ते से गुजरने लगे, तो घरवालों ने हल्ला कर ग्रामीणों से कमरे का दरवाजा खुलवाया. सरस्वती देवी ने बताया कि डकैतों ने रात में उनसे कहा कि चाची, बहुत भूख लगी है. कुछ हो तो खिला दो. रात में खाना नहीं रहने के कारण फ्रीज से मिठाई निकाल कर खाया. सरस्वती देवी के अनुसार, उनके बड़े पुत्र का विवाह कुछ माह पहले हुआ था. बड़ी पतोहू का पूरा जेवर, घर के जेवरात तथा 35 हजार रुपये नकद डकैत अपने साथ ले गये. लूटे गये सामान की अनुमानित कीमत करीब चार लाख रुपये बतायी जाती है.
एक माह पूर्व खेराबेड़ा के 10 घरों में हुई थी डकैती
करीब एक माह पूर्व हरिहरपुर थाना क्षेत्र के खेराबेड़ा गांव में दस घरों में डकैती हुई थी. पुलिस ने उस कांड का उद्भेदन कर लिया. हालांकि ताजा मामले का खुलासा कब तक होता है, यह पुलिस के लिए चुनौती है.