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उपभोक्ता फोरम: सात माह में 55 उपभोक्ताओं को मिला न्याय, बोकारो में 80 प्रतिशत मामले बीमा कंपनी की प्रताड़ना के

बोकारो: कोई भी व्यक्ति अगर किसी सेवा या वस्तु का उपभोग करने के लिए किसी भी तरह का शुल्क या मूल्य चुकाता है, तो उसे उपभोक्ता माना जाता है. उपभोक्ताओं को दुकानदार, कंपनी, बीमा कंपनी, स्कूल, संस्था आदि की प्रताड़ना से निजात दिलाने के लिए उपभोक्ता फोरम की स्थापना की गयी है. जिला उपभोक्ता फोरम […]

बोकारो: कोई भी व्यक्ति अगर किसी सेवा या वस्तु का उपभोग करने के लिए किसी भी तरह का शुल्क या मूल्य चुकाता है, तो उसे उपभोक्ता माना जाता है. उपभोक्ताओं को दुकानदार, कंपनी, बीमा कंपनी, स्कूल, संस्था आदि की प्रताड़ना से निजात दिलाने के लिए उपभोक्ता फोरम की स्थापना की गयी है. जिला उपभोक्ता फोरम बोकारो स्थानीय उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने की दिशा में काम कर रहा है.

गत सात माह (जनवरी से जुलाई तक) में स्थानीय उपभोक्ता फोरम में 110 उपभोक्ताओं ने अपनी शिकायतवाद दर्ज करायी है. फोरम में शिकायत दर्ज कराने वाले उपभोक्ताओं को किसी न किसी दुकानदार, कंपनी, बीमा कंपनी, स्कूल, संस्था द्वारा प्रताड़ना या ठगी का शिकार बनाया गया है. गत सात माह में स्थानीय उपभोक्ता फोरम ने ठगी या प्रताड़ना के शिकार हुए 55 उपभोक्ताओं को न्याय दिलाकर मुआवजा के रूप में लगभग 30 लाख रुपये का भुगतान भी कराया है.

अलग-अलग बहाने बना दावा खारिज करने का प्रयास करती है बीमा कंपनी : स्थानीय उपभोक्ता फोरम में सबसे अधिक मामले (लगभग 80 प्रतिशत) विभिन्न बीमा कंपनी के है. विभिन्न बीमा कंपनी लोगों का स्वास्थ्य, वाहन आदि का बीमा हजारों रुपये लेकर कर रही है लेकिन जब उपभोक्ता अपना बीमा दावा करने बीमा कंपनी कार्यालय जाते हैं, तो उसे कंपनी द्वारा विभिन्न प्रकार का बहाना बना कर दावा खारिज करने का प्रयास किया जाता है. इस तरह के उपभोक्ताओं को परेशान या निराश होने की आवश्यकता नहीं है. जिला उपभोक्ता फोरम ने गत सात माह में लगभग 38 फैसला विभिन्न बीमा कंपनी के खिलाफ सुना कर उपभोक्ताओं को उनका वाजिब मुआवजा दिलाया है.
तीन माह के अंदर मिलता है न्याय
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष सह सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश प्रभात कुमार उपाध्याय के अनुसार, फोरम में दुकानदार व विभिन्न कंपनी के अलावा स्कूल, कॉलेज, बिजली विभाग आदि का मामला भी चल रहा है. सभी मामलों में उपभोक्ताओं को कंपनी या प्रबंधन द्वारा परेशान किया गया है. इस तरह के मामलों में दोनों पक्षों की बात व दलील सुनने के बाद फैसला सुनाया जाता है. जिला उपभोक्ता फोरम में कोई भी व्यक्ति 20 लाख रुपये तक के मुआवजा के लिये अपना शिकायत दर्ज करा सकता है. इसके लिए संबंधित व्यक्ति को एक शपथ पत्र के साथ आवेदन, मुआवजा राशि के आधार पर कोर्ट शुल्क (एक सौ से लेकर पांच सौ रुपये तक) व दुकानदार या संस्था को भुगतान की गयी मूल्य का रसीद होना आवश्यक है. उपभोक्ता फोरम में तीन माह के अंदर उपभोक्ता को न्याय दिलाने का प्रयास किया जाता है, लेकिन तकनीकी या अन्य परेशानी आने पर अधिकतम एक वर्ष के अंदर मामले का निबटारा कर दिया जाता है. 20 लाख से लेकर एक करोड़ तक के मुआवजा के लिए राज्य उपभोक्ता फोरम व एक करोड़ से अधिक की मुआवजा राशि के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया जा सकता है.

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