अभियान के तहत शेल्टर होम के अलावा रेलवे प्लेटफार्म, बस स्टैंडों, सार्वजनिक स्थलों, सड़कों व धार्मिक स्थलों का दौरा करते हुए लावारिस या घर से भागे बच्चों की खोजबीन की जाएगी. इसके बाद उन्हें उनके माता-पिता के पास पहुंचाने का प्रयास भी किया जाएगा. इसके अलावा मिलने वाले बच्चों का डाटा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की साइट पर अपलोड भी करें.
आपरेशन मुस्कान-तीन 16 जुलाई से 31 जुलाई तक चलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू टीम में स्थानीय थाना, श्रम विभाग, बाल कल्याण समिति, जिला चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट से लोगों को रहकर 14 साल से कम उम्र के बाल श्रमिक की पहचान करते हुए मुक्त करवाना है. बैठक में इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी चास कमल किशोर, इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी सेक्टर 4 आदित्य मिश्रा, इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी सिटी मदन मोहन प्रसाद सिन्हा, महिला थाना प्रभारी संगीता, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ विनय, सदस्य डॉ प्रभाकर, प्रीति, जिला चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट से अनिता झा, सरिता कुमारी व श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मतियास टोप्पो शामिल आदि मौजूद थे.