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बंद बीएसएल स्कूल के भवनों का होगा व्यावसायिक उपयोग : सीइओ

बोकारो: बोकारो स्टील प्लांट के सीइओ पीके सिंह ने मंगलवार काे बोकारो निवास में आयोजित प्रेत वार्ता में कहा कि बीएसएल के बंद पड़े स्कूल भवनों सहित अन्य भवनों का व्यावसायिक उपयोग होगा. इसके लिए सेल स्तर पर योजना बनायी जा रही है. उम्मीद है कि अगले तीन माह में योजना का प्रारूप तैयार हो […]

बोकारो: बोकारो स्टील प्लांट के सीइओ पीके सिंह ने मंगलवार काे बोकारो निवास में आयोजित प्रेत वार्ता में कहा कि बीएसएल के बंद पड़े स्कूल भवनों सहित अन्य भवनों का व्यावसायिक उपयोग होगा. इसके लिए सेल स्तर पर योजना बनायी जा रही है. उम्मीद है कि अगले तीन माह में योजना का प्रारूप तैयार हो जायेगा. भतुआ में 20 मेगावाट का सौर उर्जा प्लांट स्थापित करने की योजना है. पुस्तकालय मैदान में एक शौचालय बन रहा है. जैविक उद्यान में एक शौचालय बना हुआ है. सिटी पार्क में भी एक शौचालय बनेगा.
शून्य दुर्घटना पर उत्पादन प्राथमिकता : श्री सिंह ने कहा कि बीएसएल में शून्य दुर्घटना पर उत्पादन प्रबंधन की प्राथमिकता है. इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम प्लांट के अंदर व बाहर चलाये जा रहे हैं. बीएसएल इडी, जीएम सहित सभी वरीय अधिकारी के सुरक्षा को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं. कर्मियों को सुरक्षा से संबंधित जानकारी देने के लिए एजेंसी से अनुबंध किया गया है.
अतिक्रमण नहीं होने देंगे : श्री सिंह ने कहा कि बीएसएल की जमीन पर अतिक्रमण नहीं होने दिया जायेगा. हर हाल में पानी व बिजली की चोरी रोकी जायेगी. इसके लिए प्रबंधन ने रणनीति तैयार कर ली है. डेली बेसिस पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है. अवैध पानी व बिजली का कनेक्शन काटा जा रहा है. इस्पात नगर स्टेशन के पास बीएसएल की जमीन पर अतिक्रमण नहीं होने दिया जायेगा. बोकारो में मेडिकल कॉलेज के लिए सेल बोर्ड ने जमीन के लिए सहमति दे दी है. एक -दो माह में प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. मेडिकल कॉलेज का संचालन झारखंड सरकार करेगी. अर्सेलर मित्तल के साथ मिल कर सेल 1.5 मिलियन टन का प्लांट लगायेगा. इसके लिए सेल स्तर पर बात चल रही है.
इस्पात उद्योग की परिस्थितियां अभी भी कठिन : श्री सिंह ने बीएसएल के पिछले वर्ष की उपलब्धियांं व वर्ष 2017-18 की भावी योजनाओं पर चर्चा की़ कहा कि वर्ष 2016-17 में सेल को 2833 करोड़ रुपए का घाटा हुआ. 2015-16 में हुए 4021 करोड़ रुपए के घाटे से लगभग 30 प्रतिशत कम है. बीएसएल को 2016-17 में 203 करोड़ रुपए का घाटा हुआ, जबकि 2015-16 में यह आंकड़ा 2096 करोड़ रुपये था. कहा कि इस्पात उद्योग की परिस्थितियां अभी भी कठिन है. सरकार द्वारा एमआइपी (मिनिमम इंपोर्ट प्राइस) व एंटी डम्पिंग ड्यूटी से घरेलू इस्पात निर्माताओं को राहत जरूर मिली है, पर बीएसएल के टर्न-अराउंड के लिए अभी हमें और दूरी तय करना है.
उपकरणों के सेहत को दुरूस्त बनाये रखना प्राथमिकता : श्री सिंह ने कहा कि उपकरणों को दुरूस्त रखना व सुरक्षा को सर्वोपरि स्थान देना प्राथमिकता होगी. पिछले वर्ष सीटीपीएस से बीएसएल के पावर सप्लाई लाइन को 220 केवी में अपग्रेड करने का महत्वपूर्ण कार्य संपादित किया गया. इस संवर्धन से संयंत्र का पावर सप्लाई तंत्र व अधिक स्टेबल हुआ है. इससे संयंत्र की भावी आवश्यकताओं को पूरा करने में भी मदद मिलेगी. सीआरएम-3 के स्किन पास मिल की कमीशनिंग व इसीएल के प्रतिष्ठापन का कार्य भी पिछले वर्ष पूरा कर लिया गया.
कर्मी मल्टी स्किल्ड हों और उनकी दक्षता बढ़े : श्री सिंह ने कहा : बीएसएल का मैनपावर 14000 के लगभग है. मैनपावर का आकार अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क के अनुरूप होना आवश्यक है. हमारी कोशिश है कि हमारे कर्मी मल्टी स्किल्ड हो और उनकी दक्षता बढ़े. कठिन परिस्थितियों के बावजूद हमारी यह कोशिश रहती है कि नागरिक सुविधाओं से जुड़े कार्य जारी रहे. पिछले वर्ष नगर के कुछ प्रमुख चौक-चौराहों पर अतिरिक्त हाइ मास्ट लाइट लगायी गयी. लगभग 800 से अधिक आवासीय भवनों के बाह्य अनुरक्षण का कार्य किया गया.
मशीन से सड़कों की सफाई की सुविधा : श्री सिंह ने बताया कि हाल ही में मशीन से सड़कों की सफाई की सुविधा शुरू की गयी है. सघन पौधरोपण कार्यक्रम के तहत इस वर्ष संयंत्र, नगर और परिक्षेत्रीय इलाकों में कुल दो लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा नगर के विभिन्न सेक्टरों में चरणबद्ध तरीके से एलइडी लाइट से बदलने की योजना भी बनायी गयी है.
ये थे मौजूद : निदेशक प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. एके सिंह, अधिशासी निदेशक(सामग्री प्रबंधन) एचपी सिंह, अधिशासी निदेशक (संकार्य) एसके सिंह, अधिशासी निदेशक (वित्त एवं लेखा) आर कृष्णास्वामी, महाप्रबंधक प्रभारी (परियोजनाएं) काजल दास, कार्यकारी महाप्रबंधक प्रभारी (कार्मिक एवं प्रशासन) वीके सिंह, महाप्रबंधक (नगर सेवाएं) आरवी सिंह, महाप्रबंधक (कार्मिक) पी आर बालासुब्रहमणियन उपस्थित थे़.
वित्तीय वर्ष 2017-18 का लक्ष्य
कोक अवन बैटरी संख्या 7 का पुनर्निर्माण : इसके पूरा होने से संयंत्र में कोक व कोक अवन गैस की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी.
एचडीजीएल (सीआरएम-3) : सीआरएम-3 के एचडीजीएल से ऑटोमोटिव ग्रेड स्टील बनायी जा सकेगी.
हॉट मेटल डिसल्फराइजेशन : एसएमएस 2 – स्टील की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जा सकेगा.
ऑलटर्नेट गैस नेटवर्क : गैस नेटवर्क को सुदृढ़ बनाने के साथ ही संयंत्र के भावी जरूरतों को पूरा करने में उपयोगी होगा.
ब्लास्ट फर्नेस संख्या 1 के स्टोव्स का संवर्धन : हॉट ब्लास्ट तापमान को वांछित स्तर तक बढ़ाने व कोक रेट कम करने में मदद मिलेगी.
इस वर्ष एसएमएस-2 के लिए आईडी फैन कॉम्प्लेक्स की परियोजना को पूरा कर लिया गया है, जिससे ऊर्जा खपत को कम किया जा सकेगा.
संयंत्र में एक नए सिंटर प्लांट का निर्माण कार्य प्रगति पर है. एसएमएस-1 में कन्टीन्यूअस कॉस्टिंग की सुविधा स्थापित कर इसका आधुनिकीकरण भी हो रहा है.
उत्पादन लागत में कमी लाना बड़ी चुनौती
श्री सिंह ने कहा कि सेल संयंत्रों के लिए फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती उत्पादन लागत में कमी लाना है. हाल के दिनों में आयातित कोयला के मूल्य में लगभग दोगुना वृद्धि होना एक बड़ी चुनौती है. इससे निपटने के लिए अपनी टेक्नो-इकोनॉमिक पैरामीटर्स मे बेहतरी लाने के प्रयास के साथ ही प्रत्येक क्षेत्र में लागत नियंत्रण के उपाय अपना रहे हैं. पिछले वर्ष हमने तीन फर्नेस परिचालन से अब तक का सर्वाधिक दैनिक व मासिक हॉट मेटल उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया. इसी प्रकार हमने पिछले वित्तीय वर्ष में अब तक सर्वश्रेष्ठ तिमाही कॉस्ट स्लैब उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया. पिछले वर्ष कोक रेट, ब्लास्ट फर्नेस प्रोडक्टिविटी, सिन्टर मशीन प्रोडक्टिविटी, जल एवं रिफ्रैक्ट्री खपत आदि टेक्नो-इकोनॉमिक पैरामीटर्स में भी बेहतरी दर्ज की है. 2017-18 में बीएसएल के लिए 4़ 25 मिलियन टन हॉट मेटल, 4़ 05 मिलियन टन क्रूड स्टील, 4़ 5 मिलियन टन एचआर क्वायल व 4़ 29 मिलियन टन सेलेबल स्टील उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. श्री सिंह ने कहा कि उत्पादन में ओएनजीसी के सीबीएम गैस के उपयोग की बात चल रही है. यह अभी बहुत महंगा पड़ रहा है. लेकिन, सीबीएम गैस के उपयोग से प्लांट को फायदा होगा. इसकी उपलब्धता व उपयोग पर विचार किया जा रहा है.

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