आयोग ने डीजीपी से यह भी अनुशंसा की है कि इस मामले की जांच एसपी रैंक के अफसर से करायें और मामले का सुपरविजन आइजी रैंक के अफसर से करायें. आयोग ने अपने पत्र में कहा है कि मृतक उदय यादव की पत्नी मंजू देवी ने हाइकोर्ट में एक याचिका दायर की है. इसमें हाइकोर्ट ने पुलिस को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया था. हाइकोर्ट में चल रहे इस मामले की ताजा स्थिति की जानकारी भी डीजीपी सरकार को दें. आयोग ने अपनी अनुशंसा जांच रिपोर्ट के आधार पर की है.
तीन माह पहले आयोग की पांच सदस्यीय टीम रांची आयी थी. टीम के सदस्यों ने घटनास्थल पर जाकर मामले की जांच की थी. टीम ने अपनी रिपोर्ट आयोग को दे दी है. घटना के बाद घटनास्थल की कुछ तसवीरें सामने आयी थीं. पुलिस द्वारा तैयार जब्ती सूची और तसवीरों ने पुलिस की मुठभेड़ की कहानी पर सवाल खड़ा कर दिया था. घटनास्थल पर पड़े एक हथियार में न तो मैगजीन था और न ही बोल्ट. एक अन्य हथियार में बोल्ट तो था, पर मैगजीन नहीं था. जब्ती सूची में पुलिस ने इन दोनों हथियारों से बारुद की गंध आने (हथियार से फायरिंग किये जाने) की बात लिखी थी. पुलिस ने जब्ती सूची में जिस तौलिए को खून लगा बता कर जब्त किया था, तसवीर में उस तौलिए पर खून लगा नहीं दिख रहा था. इन तसवीरों के जरिये ही उदय यादव की पत्नी ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में 12 लोगों की हत्या की.