रिपोर्ट की प्रति गृह विभाग और रांची पुलिस को भी दी गयी है. उल्लेखनीय है कि 25 से 28 सितंबर 2015 की रात असामाजिक तत्व के लोगों ने शहर के अमन-चैन को खत्म करने की कोशिश की थी. इसके आरोपियों पर अभी तक कार्रवाई नहीं की गयी है. रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि शहर में ऐसे लोग अब भी हैं, जो विभिन्न मौकों पर माहौल को खराब करने की कोशिश कर सकते हैं.
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डोरंडा में डेढ़ साल पहले हुए दंगे की अब तक नहीं हुई जांच
रांची: डोरंडा थाना क्षेत्र में 26 व 27 सितंबर 2015 को हुए दंगे की जांच अब तक पूरी नहीं हुई है. रांची पुलिस के सीनियर अफसरों ने दंगा को लेकर दर्ज सात मामलों का सुपरविजन भी नहीं किया है. एक मामले कांड संख्या-606/2015 के सभी अभियुक्त और एक मामला 607/2015 के दो अभियुक्तों अमजद गद्दी […]
रांची: डोरंडा थाना क्षेत्र में 26 व 27 सितंबर 2015 को हुए दंगे की जांच अब तक पूरी नहीं हुई है. रांची पुलिस के सीनियर अफसरों ने दंगा को लेकर दर्ज सात मामलों का सुपरविजन भी नहीं किया है. एक मामले कांड संख्या-606/2015 के सभी अभियुक्त और एक मामला 607/2015 के दो अभियुक्तों अमजद गद्दी व फिरोज रिजवी ने कोर्ट से जमानत ले ली है, लेकिन अन्य पांच मामलों के अभियुक्तों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. खुफिया विभाग ने पुलिस मुख्यालय को भेजी गयी एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है.
क्या थी घटना : 25 सितंबर 2015 की रात डोरंडा थाना क्षेत्र के शिवपुरी मुहल्ला स्थित मंदिर के पास प्रतिबंधित मांस मिला, जिसके बाद लोग उग्र हो गये. सड़क जाम कर दी और एक दुकान में तोड़-फोड़ व अगलगी की. विहिप समेत कई संगठनों ने 26 सितंबर को रांची बंद का आह्वान किया. 26 सितंबर को लोग सड़क पर उत्पात मचाते रहे. सड़क पर आगजनी की. बहुबाजार में दुकानों से खस्सी लूट ली. कई जगहों पर दो समुदाय के लोग आमने-सामने आये. हीनू में बाइक व एक साइकिल को फूंक दिया. डीजीपी और एडीजी को सड़क पर उतर कर लाठी चार्ज करना पड़ा. मुख्यमंत्री खुद लोगों को समझाने के लिए मेन रोड में घूमे. 27 मार्च को शहर के प्रबुद्ध लोगों ने शांति मार्च निकाला. 28 मार्च की रात ही डोरंडा थाना क्षेत्र में एक घर में आग लगा दी गयी और पत्थरबाजी व फायरिंग की घटना हुई. जिसके बाद पुलिस ने पूरे इलाके में सर्च अभियान चलाया. जिसमें 47 लोग गिरफ्तार किये गये थे. इस दौरान मो मुख्तार नामक व्यक्ति की हत्या कर दी गयी. हत्या की इस घटना को भी इसी विवाद से जोड़ कर देखा गया था.
सीनियर अफसरों ने सुपरविजन रिपोर्ट तक नहीं दी
कांड संख्या अभियुक्त आरोप
602/2015 अज्ञात शिवपुरी स्थित काली मंदिर के पास प्रतिबंधित मांस फेंकने का.
603/2015 अज्ञात हीनू स्थित अहमद हुसैन की ग्लास व हार्ड वेयर दुकान में तोड़फोड़ कर आगजनी करना.
604/2015 17 लोग नामजद समेत 150 अज्ञात लोग शिवपुरी काली मंदिर के पास भड़काऊ भाषण देने व फन सिनेमा के पास सड़क जाम करना.
605/2015 अज्ञात फायरिंग व मसजिद लेन दर्जी मुहल्ला के शकील अख्तर पर जानलेवा हमला करना.
606/2015 29 लोग नामजद गौसनगर व पोखरटोली के बीच पत्थरबाजी व फायरिंग करना.
607/2015 47 लोग नामजद नाजायज मजमा लगा हरवे-हथियार से लैस होकर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का.
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