वंश नारायण सिंह राणा संग्राम सिंह के रिश्तेदार हैं. उल्लेखनीय है कि नौ अक्तूबर 2015 को धुर्वा थाना क्षेत्र के वीर कुंवर सिंह चौक के पास रिश्तेदार अमर सिंह ने जसवंत सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी थी. बीच-बचाव करने पर जसवंत के भाई राणा प्रताप पर जानलेवा हमला किया गया था. घटना के बाद अमर सिंह ने हथियार के साथ पुलिस के पास सरेंडर कर दिया था. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने घटना के बाद उसके चालक को भी गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने दूसरे दिन दोनों को जेल भेज दिया था. घटना के बाद मामले में केस दर्ज किया गया, जिसमें अमर सिंह और उसके चालक के अलावा वंश नारायण सिंह, उनके दो पुत्र व अन्य अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था.
पुलिस के अनुसार वंश नारायण सिंह और उनके एक पुत्र रंधीर सिंह की भूमिका हत्याकांड में अप्रत्यक्ष रूप से सामने आयी थी. दोनों पर जांच में आरोप सही पाया गया था. वरीय पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर धुर्वा थानेदार सुबोध श्रीवास्तव को दोनों को गिरफ्तार करने के लिए बिहार भेजा गया था. वंश नारायण सिंह का दूसरा पुत्र नाबालिग है, उसकी संलिप्तता के संबंध में अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. इसलिए उसे अभी गिरफ्तारी नहीं किया गया है. घटना के बाद राणा प्रताप सिंह ने पुलिस को बताया था कि घटना का कारण उसके और चचेरे भाई वंश नारायण सिंह के बीच पूर्व से चला आ रहा जमीन विवाद है. दोनों के बारे में पूर्व में भी पुलिस की टीम बिहार जाकर मामले में विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर चुकी है.