रांची: राष्ट्रीय सूक्ष्म सिंचाई मिशन में गड़बड़ी की पुष्टि हुई है. मिशन के क्षेत्रीय नोडल पदाधिकारी ने जांच में पाया है कि रांची जिले के बुढ़मू प्रखंड स्थित भाट बोड़ेया गांव निवासी उपेंद्र गिरि को आवंटित उपकरणों में धोखाधड़ी की गयी है.
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि जिला उद्यान पदाधिकारी ने बिना अभिलेखों की जांच के ही पटवन के सामान का भुगतान करा दिया है. मामले में उपकरण बनानेवाले की भी मिलीभगत है. कृषि सचिव एनएम कुलकर्णी ने मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने जिला उद्यान पदाधिकारी व क्षेत्रीय नोडल पदाधिकारी से 13 फरवरी तक जवाब मांगा है. उन्होंने लिखा है कि यह योजना असफल हो गयी है. योजना की जिम्मेवारी क्षेत्रीय नोडल पदाधिकारी की है. वित्तीय अनियमितता व प्रक्रियात्मक गड़बड़ी के लिए जिला उद्यान पदाधिकारी से क्यों न राशि वसूली जाये. जिला उद्यान पदाधिकारी पर क्यों न विभागीय कार्यवाही की जाये.
क्या है मामला
प्रभात खबर ने तीन फरवरी को उपेंद्र गिरि से संबंधित ‘ कौन खा रहा है खेतों के पटवन का पैसा’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी. इसमें उल्लेख किया गया था कि किस तरह उपेंद्र के घर में पटवन संयंत्र लाकर छोड़ दिये गये हैं, वह भी बिना नॉर्म्स पूरा किये. वह पंडरा बाजार से आलू-प्याज खरीद कर बिक्री करते हैं. उनके हिस्से में मात्र 17 डिसमिल जमीन है. फिर भी उन्हें किसान बना कर पटवन सामग्री दे दी गयी. इतना ही नहीं, उनके घर में बिजली की ऐसी व्यवस्था ही नहीं है, जिससे यह संयंत्र चल सके. यानी बिना जांच के ही किसान का चयन कर दो लाख रुपये निकाल लिये गये. बदले मे मामूली संयंत्र व पाइप इनके घर में दे दिये गये. सारे सामान उनके गौहाल व खेत में पड़े हैं.