नये प्रदेश अध्यक्ष से बातचीत
जलेश्वर महतो जदयू के नये प्रदेश अध्यक्ष बनाये गये हैं. प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जलेश्वर महतो के नाम की घोषणा के साथ ही विवाद शुरू हो गया है. पूर्व अध्यक्ष राजा पीटर ने पार्टी छोड़ने का संकेत देते हुए श्री महतो के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. जदयू के नये प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष कई चुनौतियां हैं. संगठन को दुरुस्त करने के साथ-साथ सहयोगियों का विश्वास हासिल करना है. पार्टी के पुराने लोग दूसरे दलों में चले गये हैं. प्रभात खबर के वरीय संवाददाता सतीश कुमार ने नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष से राजनीतिक मसलों पर विस्तार से बातचीत की है. पेश है उनके साथ बातचीत के मुख्य अंश.
नयी जिम्मेवारी मिलने के बाद संगठन के विस्तार की क्या योजना है?
सबसे पहले मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नयी जिम्मेवारी सौंपने के लिए बधाई देता हूं. दोनों ने विश्वास जताते हुए मुङो पार्टी और संगठन को मजबूत करने की जिम्मेवारी सौंपी है. संगठन में प्रदेश और राज्य स्तर के सभी नेता और कार्यकर्ताओं को एक साथ लेकर चलेंगे. संगठन के विस्तार में ऊर्जा लगायेंगे. केंद्रीय नेतृत्व के विश्वास पर खरा उतरने का हरसंभव प्रयास करेंगे. इस बात का ध्यान रखा जायेगा कि सहयोगी और एक भी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा नहीं हो. झारखंड की मांग है कि बिहार की तर्ज पर ही इस राज्य का भी विकास हो. ऐसे में नीतीश मॉडल को अपना कर विकास की रूपरेखा तैयार की जायेगी, ताकि झारखंड को भ्रष्टाचार मुक्त शासन दिलाया जा सके. जैसा की बिहार में हुआ है. बिहार में भ्रष्टाचारी जेल जा रहे हैं. नीतीश के विकास मॉडल को जनता के बीच ले जाया जायेगा. राज्य की बेलगाम अफसरशाही पर लगाम लगाया जायेगा. बेरोजगारी दूर करने और पलायन रोकने का हर संभव प्रयास करेंगे. सरकार की गलत नीतियों के कारण खनिज संपदा रहने के बावजूद झारखंड गरीब है.
क्या आप मानते हैं कि हाल के दिनों में जदयू का संगठन कमजोर हुआ है?
राजनीति में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. पार्टी मुद्दों की राजनीति करती है. गत दिनों हुए राज्यसभा चुनाव में झारखंड की नामधारी पार्टियों ने अपना चरित्र और जनता का विश्वास खो दिया है. राजनीतिक दलों ने झारखंड के खिलाफ बोलने वाले दल के प्रत्याशी का समर्थन दिया. आंदोलनकारी परिवार को नजरअंदाज कर सविता महतो को अपमानित किया गया.
राजा पीटर पार्टी के विधायक हैं. उनकी नाराजगी के संबंध में मुङो नहीं पता है. गिला-शिकवा दूर करने का प्रयास किया जायेगा.
क्या पार्टी छोड़ कर दूसरे दलों में गये नेताओं को वापस लाने का प्रयास होगा?
मुझेविश्वास है कि पार्टी छोड़ कर दूसरे दलों में चले गये नेता वापस लौट आयेंगे. उनकी वापसी के लिए पहल की जायेगी.
आगामी चुनाव को लेकर क्या तैयारी है?
आगामी लोकसभा और राज्यसभा चुनाव को लेकर पार्टी में पहले से तैयारी चल रही है. वर्तमान में तैयार की गयी रणनीतियों की समीक्षा की जायेगी. राज्य के लोगों की इच्छा और आकंक्षाओं से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया जायेगा. केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश के बाद अंतिम फैसला लिया जायेगा. 23 फरवरी को विधानसभा सभागार में प्रदेश और जिला स्तर के पदाधिकारियों की बैठक बुलायी गयी है. इसमें आगामी रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया जायेगा.