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तनिष्क के सीओओ साइकिल से आते हैं दफ्तर

-कहा आनेवाला वक्त हल्के गहनों का -होसुर (तमिलनाडु) से लौट कर दिनेश केडिया- रांचीः सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है. यूथ को रोजमर्रा के लिए पारंपरिक गहने नहीं चाहिए. वे हल्के व नयी डिजाइन के गहने पसंद कर रहे हैं. आनेवाले पांच साल में यह बदलाव देखेगा. इसे देखते हुए तनिष्क भी […]

-कहा आनेवाला वक्त हल्के गहनों का

-होसुर (तमिलनाडु) से लौट कर दिनेश केडिया-

रांचीः सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है. यूथ को रोजमर्रा के लिए पारंपरिक गहने नहीं चाहिए. वे हल्के व नयी डिजाइन के गहने पसंद कर रहे हैं. आनेवाले पांच साल में यह बदलाव देखेगा. इसे देखते हुए तनिष्क भी अब लाइट वेट ज्वेलरी पर ध्यान दे रहा है. कम कैरेट में बेहतरीन गहने पॉकेट को भी शूट करते हैं. उक्त बातें तनिष्क के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सीके वेंकटरमण ने कहीं.

शुद्धता के साथ पारदर्शिता

श्री वेंकटरमण बेंगलुरु में झारखंड से गये पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कंपनी 14 कैरेट व 18 कैरेट के गहने उतार रही है. तनिष्क हमेशा ही नियमों के पालन करनेवाली कंपनी है. ग्राहकों के साथ ही सरकारी कायदों को भी पूरी तरह से मानती है. इस कारण कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता है. लेकिन, टाटा समूह की कंपनियों इसी चीज के लिए जानी जाती हैं. तनिष्क शुद्धता के साथ ही पादर्शिता व नियमों का भी पालन करती है. कंपनी अपने ग्राहकों को उत्पाद का पूरा मूल्य देती हैं. पोलकी में 75 फीसदी, हीरा और कलर स्टोन में 100 प्रतिशत वापसी की दी जाती है. सामान्यत: अन्य विक्रेता पूरी कीमत नहीं देते हैं. इसके साथ ही कंपनी के शोरूम में सोने की खरीद व बिक्री की कीमत समान रहती हैं.

कीमत भी पूरी मिलती है

पारदर्शिता के लिए ग्राहकों के सामने ही गहनों के कैरेट की जांच की जाती है. तनिष्क के गहने हो, तो पूरी कीमत वापस मिलती है. अन्य किसी की ज्वेलरी का सोना लेने के समय आठ फीसदी की कटौती की जाती है. सरकार के नियमों को मानने के कारण कई बार कंपनी को नुकसान भी होता है, लेकिन कंपनी इसे मानती है.

पांच लाख से ज्यादा की ज्वेलरी की खरीद पर पैनकार्ड जरूरी कर दिया गया है. तनिष्क में इसका कड़ाई से पालन किया जाता है. इस कारण तनिष्क का कारोबार प्रभावित हो गया है. इसके बाद चालू घाटा बढ़ने के कारण सरकार की अपील के बाद सोने के सिक्कों की बिक्री बंद कर दी. इससे कंपनी को 600 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. अभी हाल ही में अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार के बाद फिर से सिक्कों की बिक्री शुरू की गयी है.

साइकिल से कार्यालय जाते हैं सीओओ

देश की सबसे बड़ी ज्वेलरी कंपनी तनिष्क के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सीके वेंकटरमण रोजाना अपनी साइकिल से कार्यालय आते-जाते हैं. टाटा ग्रुप की 9000 करोड़ का कारोबार का करनेवाली कंपनी के उच्चतम पद पर पहुंचने पर भी उनकी सादगी सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है. उनके घर से कार्यालय चार किमी की दूरी पर है. वे कहते हैं कि साइकिल चलाने से वे फिट रहते हैं. साइकिल चलाते समय भी हेलमेट का उपयोग करते हैं. झारखंड से गये पत्रकारों से बातचीत करने के लिए होटल भी वे साइकिल से ही आये. कंपनी, बाजार, अर्थव्यवस्था, राजनीति सभी चीजों पर खुल कर चर्चा करते हैं वेंकटरमण. उनके साथ काम करनेवाले उन्हें प्यार से सीके कहते हैं. वह 1990 से टाइटन से जुड़े हुए हैं. आइआइएम अहमदाबाद से उन्होंने एमबीए किया है.

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