रांची: चारा घोटाला (आरसी-34ए/96) के मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश सीता राम प्रसाद की अदालत ने शुक्रवार को अभियुक्तों को सजा सुनायी. अदालत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सजा सुनायी. सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक शिव कुमार काका ने सीबीआइ की ओर बहस की. अन्य अभियुक्तों के अधिवक्ता भी वहां मौजूद थे.
पूर्व सांसद जगदीश शर्मा सहित दो अधिकारी, नौ आपूर्तिकर्ता समेत 12 लोगों को सजा सुनायी गयी. जगदीश शर्मा को चार साल की सजा सुनायी गयी. वहीं चार लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. जुर्माना नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा सुनायी गयी. आपूर्तिकर्ता अमित कुमार को सबसे अधिक पांच साल की सजा सुनायी गयी. वहीं 18 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. आपूर्तिकर्ता भानुकर दुबे को सबसे कम चार साल की सजा सुनायी गयी. वहीं 3.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. पहली पाली में अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया. दूसरी पाली में दिन के तीन बजे न्यायाधीश सीताराम प्रसाद वीडियो कांफ्रेंसिंग हॉल में गये. होटवार जेल में पहले से सभी अभियुक्त उपस्थित थे. सभी का नाम एक-एक कर पुकारा गया. अभियुक्त सामने आते गये और उन्हें सजा सुनायी गयी. आधे घंटे के अंदर सभी को सजा सुना दी गयी.
चारा घोटाला एक नजर में: अवैध निकासी- एक करोड़ 16 लाख, 93 हजार, 462 रुपये, सीबीआइ की ओर से अधिवक्ता-शिवकुमार काका, प्राथमिकी- 28-2-1996, आरोप पत्र- 9-6-1998, आरोप गठन- 14-7-2003, कुल अभियुक्त- 30, मृत-छह, सरकारी गवाह-दो, दोष स्वीकार किया-दो, फरार घोषित-एक, सीबीआइ गवाह- 78, बचाव पक्ष के गवाह -06, जांच अधिकारी-एसएमएस चौहान व एचआइओ अभय सिन्हा, सजा सुनायी गयी-19
53 में से 46 मामलों का निष्पादन
सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक शिव कुमार काका ने बताया कि आरसी-34 ए/96 के निष्पादन के साथ अब तक 46 मामलों का निष्पादन हो गया. अब केवल सात मामलों का निष्पादन बाकी रह गया है. आरसी-54 ए/96 में बचाव पक्ष का बहस चल रहा है, जबकि आरसी-64 ए/96 में अभियुक्तों का बयान दर्ज किया जा रहा है.
किन्हें कितनी सजा और जुर्माना
नाम सजा जुर्माना
डॉ शशि सिन्हा पांच साल 10.50 लाख रुपये
डॉ अजीत सिन्हा पांच साल 10.50 लाख रुपये
भानुकर दुबे चार साल 3.50 लाख रुपये
महेंद्र प्रसाद पांच साल 15 लाख रुपये
ज्योति झा चार साल 6 लाख रुपये
उमेश दुबे चार साल 6 लाख रुपये
नाम सजा जुर्माना
बीपी सिन्हा चार चाल 9 लाख रुपये
अमित कुमार पांच साल 18 लाख रुपये
सुभाषिश देव चार साल 4.50 लाख रुपये
चंद्रशेखर दुबे चार साल 6 लाख रुपये
बीपी प्रसाद पांच साल 5 लाख रुपये
जगदीश शर्मा चार साल चार लाख रुपये