रांची: पूर्व जदयू सांसद जगदीश शर्मा को विशेष सीबीआई अदालत ने चारा घोटाले के गोड्डा कोषागार से अवैध निकासी के एक मामले में आज चार वर्ष के सश्रम कारावास और चार लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी जबकि अदालत ने 11 अन्य आरोपियों को भी आज सुनायी.
रांची की सीताराम प्रसाद की विशेष सीबीआई अदालत ने इस मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग से सभी शेष बारह अभियुक्तों को सजा सुनायी.इससे पूर्व जगदीश शर्मा समेत इस मामले से जुड़े सभी 19 आरोपियों को अदालत ने 22 जनवरी को दोषी करार दिया था. अदालत ने जहां तीन वर्ष की कैद की सजा पाने वाले सात अभियुक्तों को अपील में जाने के लिए जमानत पर रिहा कर दिया था वहीं चार वर्ष या उससे अधिक की सजा पाने वाले शर्मा समेत 12 अन्य अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था.
लालू प्रसाद यादव के साथ आर सी 20ए-96 मामले में पहले ही चार वर्ष के सश्रम कारावास की सजा पा चुके जगदीश शर्मा के लिए आज का फैसला एक बड़ा झटका है. पिछले मामले में जेल की सजा सुनाये जाने के बाद ही उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गयी थी.इस मामले में मूलत: कुल 30 आरोपी थे जिनमें से छह की सुनवाई के दौरान मौत हो गयी जबकि कुछ सरकारी गवाह बन गये थे.
अदालत ने शर्मा के अलावा टूरिंग वेटेरिनरी आफीसर (टीवीओ) डा शशिकुमार सिन्हा और अजीत कुमार सिन्हा, दोनों को पांच पांच वर्ष की कैद और चार चार लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी.
सरकारी क्लर्क भानुकर दूबे को चार वर्ष के सश्रम कारावास और ढाई लाख रुपये जुर्माने और बजट विभाग में एकाउंटेंट ब्रजभूषण प्रसाद को पांच वर्ष की कैद और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा अदालत ने सुनायी.इनके अलावा चारा आपूर्तिकर्ता अमित कुमार को सर्वाधिक पांच वर्ष की कैद और छह लाख जुर्माने की सजा और दूसरे चारा आपूर्तिकर्ता सुभाशीष देब को चार वर्ष की कैद और डेढ़ लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी.
अदालत ने अन्य चारा आपूर्तिकर्ताओं महेन्द्र प्रसाद को पांच वर्ष की कैद और पांच लाख रुपये जुर्माने, ज्योति कुमार झा को चार वर्ष की कैद और दो लाख रुपये जुर्माना, उमेश दूबे को चार वर्ष की कैद और दो लाख रुपये जुर्माना, बीपी सिन्हा को चार वर्ष की कैद और तीन लाख रुपये के जुर्माने और चंद्रशेखर दूबे को चार वर्ष की कैद एवं दो लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी.
इससे पूर्व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव से जुड़े चारा घोटाले के एक अन्य मामले में रांची की ही प्रवास कुमार सिंह की सीबीआई अदालत ने 30 सितंबर को यादव, दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र और जदयू सांसद जगदीश शर्मा को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया था.इनमें से जहां जगन्नाथ मिश्र उच्च न्यायालय से चिकित्सिकीय आधार पर औपबन्धिक जमानत लेकर अपना इलाज करा रहे हैं वहीं लालू यादव और जगदीश शर्मा को उच्चतम न्यायालय से हाल में ही जमानत मिली है.
शर्मा पिछले सप्ताह ही 13 जनवरी को उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा हुए थे और आज एक बार फिर उन्हें कड़ी सजा सुनायी गयी.चारा घोटाले से जुड़े इस आरसी 20ए-96 मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद पिछले वर्ष 10 जुलाई को उच्चतम न्यायालय द्वारा आपराधिक मामले में दो वर्ष से अधिक समय की सजा पाने वाले जन प्रतिनिधियों की संसद या विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने वाले आदेश के चलते जगदीश शर्मा और लालू प्रसाद यादव की लोकसभा की सदस्यता समाप्त हो गयी है. चारा घोटाले के 53 मामलों में से यह 46वां मामला है जिसका निर्णय आ चुका है.