रांची: देश के पांच लाख स्कूलों में सौर ऊर्जा से मध्याहन भोजन बनाया जायेगा. 12वीं पंचवर्षीय योजना में इसे स्वीकृति दी गयी है. इसके लिए स्कूलों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराया जायेगा. उक्त बातें मध्याहन भोजन भारत सरकार के निदेशक गया प्रसाद ने गुरुवार को होटल रेडिशन ब्लू में मध्याहन भोजन संचालन के लिए आयोजित दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला के उदघाटन में कही.
उन्होंने कहा कि स्कूलों को सब्सिडीवाले एलपीजी सिलेंडर नहीं मिलने से जो परेशानी हो रही है, उसे भी दूर किया जायेगा. केंद्र सरकार इसके लिए राशि उपलब्ध करायेगी. सभी राज्यों से इसके लिए प्रस्ताव मांगा गया है. मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव विद्या सागर ने कहा है कि मध्याहन भोजन महत्वपूर्ण योजना है.
शिक्षक व इसके संचालन के लिए जिम्मेदार अधिकारी मध्याहन भोजन को स्कूलिंग का पार्ट समङों. जिसतरह पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद व अन्य क्रियाकलाप स्कूल संचालन का पार्ट माना जाता है, उसी तरह मध्याहन भोजन को समझा जाये. इसे स्कूल से अलग नहीं समझा जाये. उन्होंने कहा कि मध्याहन भोजन से जुड़े सभी लोग अपनी जिम्मेदारी समङों, तभी इसे सही तरीके से संचालित किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि मध्याहन भोजन संचालन से संबंधित खाता का संधारण सही तरीके से किया जाये. इसकी रिपोर्ट सही समय पर राज्य व केंद्र को भेजा जाये. मानव संसाधन विकास विभाग भारत सरकार के उप सचिव अनिल काकरिया ने कहा कि मध्याहन भोजन के बेहतर संचालन के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ममता ने अतिथियों का स्वागत व मध्याहन भोजन योजना के राज्य नोडल पदाधिकारी शशि कुमार मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापन किया. संचालन रांची के डीएसइ जयंत कुमार मिश्र ने किया. कार्यशाला में झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल व ओड़िशा के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.