खूंटी जिला पुलिस के कंट्रोल से बाहर हो गया है. 12 दिनों में खूंटी में 14 लोगों की हत्या हो चुकी है. अपराधियों के खिलाफ एहतियाती कदम उठाने में पुलिस सुस्त है. पुलिस का काम शवों का पोस्टमार्टम कराना रह गया है. पूरे जिले में डर का माहौल व्याप्त है. पुलिस के सीनियर अफसर भी मामले को लेकर चिंतित नहीं दिखते. पीएलएफआइ के खिलाफ न कोई अभियान चलाया जा रहा है और न ही दूसरे आपराधिक गिरोहों पर नकेल कसने की दिशा में कोई सख्त कदम उठाया गया है.
खूंटी/ तोरपा/कर्रा: खूंटी जिले में पिछले 24 घंटे के भीतर तीन लोगों की हत्या कर दी गयी. हत्या की एक वारदात की जिम्मेदारी पीएलएफआइ ने ली है. हत्या की पहली घटना मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे कर्रा थाना क्षेत्र में घुनसूली-लोधमा रोड पर हुई. खूंटी के राई गांव निवासी ढसरू पूर्ति (32) की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. जानकारी के मुताबिक, ढसरू पूर्ति अपने ट्रैक्टर से लचियातू गांव पत्थर गिराने गये थे.
वापसी में एक युवक ने उनसे लिफ्ट मांगी. ढसरू ने उसे ट्रैक्टर में अपनी सीट के बगल में बैठा लिया. कुछ दूरी पर दो अन्य युवक सड़क के किनारे खड़े मिले. लिफ्ट के लिए दोनों ने ट्रैक्टर रुकवाया. ट्रैक्टर पर बैठे युवक के कहने पर ढसरू ने गाड़ी रोक दी. ट्रैक्टर के रुकते ही एक युवक ने कमर से पिस्तौल निकाली और ढसरू के सीने में गोली मार दी.
घटना के बाद तीनों जंगल की तरफ भाग निकले. पीएलएफआइ के सब जोनल कमांडर जेठा कच्छप ने प्रभात खबर के रांची कार्यालय में फोन कर ढसरू पूर्ति की हत्या की जिम्मेदारी ली है. साथ ही कहा है कि वह संगठन के नाम पर लेवी वसूली कर रहा था. इस कारण उसे मौत की सजा दी गयी है. 11 नवंबर की शाम हुई हत्या की दूसरी घटना में फूलो टोपनो (55 वर्ष) और उनकी बेटी सुगी टोपनो (35 वर्ष) की हत्या कर दी गयी.
दोनों तोरपा थाना क्षेत्र के बिरता गांव के रहनेवाले थे. सोमवार की शाम दोनों महिलाएं मवेशी चरा कर लौट रही थीं. मंगलवार की सुबह दोनों के शव गांव से करीब आधा किमी की दूरी पर खेत में पड़े मिले. फूलो टोपनो का शव पानी भरे एक गड्ढे से बरामद किया गया है, जबकि सुगी का शव खेत से. दोनों की हत्या गला रेत कर व शरीर के विभिन्न हिस्सों में चाकू गोद कर की गयी है. पुलिस को आशंका है कि दोनों महिलाओं की हत्या आपसी रंजिश का परिणाम है.