रांची: राज्यसभा चुनाव 2010 और 2012 में हुई हॉर्स ट्रेडिंग की जांच के दायरे में शामिल गोड्डा के राजद विधायक संजय प्रसाद यादव के पिता ने बिहार के बांका जिले में 300 एकड़ से अधिक जमीन बेची है. जमीन की बिक्री सरकार की ओर से निर्धारित निबंधन मूल्य से कम पर की गयी है. केंद्रीय जांच एजेंसियां फिलहाल इस बात का पता लगा रही हैं कि विधायक के पिता और उनके पारिवारिक सदस्यों के पास इतनी जमीन कहां से और कैसे आयी.
विधायक संजय प्रसाद यादव के पिता का नाम चंद्रशेखर प्रसाद यादव है. वह बिहार में पंचायत सेवक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. उन्होंने अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ मिल कर 30 से अधिक सेल डीड के माध्यम से ये जमीन बेची है. जमीन की बिक्री सरकार की ओर से निबंधन के लिए निर्धारित मूल्य से करीब आधी कीमत पर की गयी है. 22 मई और आठ व नौ दिसंबर 2009 को बेची गयी जमीन इसके कुछ उदाहरण हैं.
कम भुगतान दिखाया : विधायक के पिता ने 22 मई को सेल डीड नंबर 4888 के माध्यम से जास इंफ्रास्ट्रक्चर पावर को 27.62 एकड़ जमीन बेची. सरकार की ओर से निबंधन के लिए निर्धारित दर पर इतनी जमीन की कीमत 31.49 लाख रुपये है.
हालांकि सेल डीड में विक्रेता को सिर्फ 16.57 लाख रुपये के भुगतान की बात कही गयी है. इसी तरह आठ दिसंबर 2009 को उन्होंने जास इंफ्रास्ट्रक्चर पावर को 26.18 एकड़ जमीन महज 15.70 लाख रुपये में बेच दी, जबकि सरकारी दर पर इसकी कीमत 29.84 लाख रुपये आंकी गयी है. नौ दिसंबर 2009 को भी विधायक के पिता ने इसी कंपनी को 18.33 एकड़ जमीन बेची. सरकारी दर पर इसकी कीमत 12.78 लाख रुपये आंकी गयी है. पर मात्र 7.82 लाख रुपये का भुगतान दिखाया गया है. जास इंफ्रास्ट्रक्चर पावर लिमिटेड को सभी जमीन 2008 से 2011 के बीच बेची गयी है.
जास इंफ्रास्ट्रक्चर पावर लिमिटेड को बेची जमीन
विधायक के पिता ने जमीन जास इंफ्रास्ट्रक्चर पावर लिमिटेड को बेची है. सुनील दवे, नीरज अग्रवाल और संजय कुमार झा को कंपनी से संबंधित बताया गया है. इस कंपनी ने बांका जिले में 2640 मेगावाट का पावर प्लांट लगाने की योजना बनायी थी. कंपनी को झारखंड में एक कोल ब्लॉक भी आवंटित है. कोल ब्लॉक आवंटन का मामला भी सीबीआइ जांच के दायरे में बताया जाता है. कंपनी का मुख्यालय रांची में दिखाया गया है. दूरसंचार विभाग ने कंपनी के रांची कार्यालय के सभी फोन डिस्कनेक्ट कर दिये हैं.