रांचीः मानव संसाधन विकास मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की कमी शीघ्र पूरी की जायेगी. स्वीकृत पद के आधार पर आरक्षण रोस्टर शीघ्र क्लियर कर झारखंड लोक सेवा आयोग को भेजा जायेगा, ताकि विवि शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ की जा सके. बुधवार को रांची विवि अंतर्गत एकेडमिक स्टाफ कॉलेज में 22 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स के समापन समारोह में श्रीमती उरांव ने कहा कि जनजातीय महिलाओं के उत्थान और स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की जरूरत है.
इस क्षेत्र में पहले मड़ुवा की खेती होती थी,इसमें पौष्टिक तत्व अधिक मिलते थे, लेकिन अब इसकी खेती नाममात्र होती है. इसे फिर से बढ़ावा देने की आवश्यकता है. मंत्री ने कहा कि झारखंड में आदिवासियों के विकास के लिए शिक्षाविदों को भी आगे आना होगा. यहां की परंपरा व धरोहर को जीवित रखने के लिए शिक्षकों के बीच रिफ्रेशर कोर्स जरूरी है. रांची विवि के कुलपति डॉ एलएन भगत ने कहा कि शिक्षकों को अब अप टू डेट रहने की आवश्यकता है. प्रतिकुलपति डॉ एम रजिउद्दीन ने कहा कि बदलते परिवेश में शिक्षकों के विकास के लिए रिफ्रेशर कोर्स की महत्ता बढ़ गयी है. जनजातीय अध्ययन कोर्स में निकले विचारों को अमल में लाने की जरूरत है. इससे पूर्व कॉलेज के निदेशक डॉ आरपीपी सिंह ने आगंतुकों का स्वागत किया और कॉलेज की आधारभूत संरचना की ओर मंत्री व कुलपति का ध्यान आकृष्ट कराया. कोर्स समन्वयक डॉ त्रिवेणी नाथ साहु ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया.
संचालन वृंदावन महतो ने किया. कुल 28 प्रतिभागियों में से डॉ हरि उरांव व डॉ मंजुला कुमारी ने 22 दिनों के इस कोर्स के अनुभव को सुनाया. इस अवसर पर रांची विवि के रजिस्ट्रार डॉ अमर कुमार चौधरी, प्रॉक्टर डॉ दिवाकर मिंज, जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के अध्यक्ष डॉ केसी टुडू सहित अन्य उपस्थित थे.