-शिक्षा. साइंस का रिजल्ट सुधारने की कवायद शुरू
-ऑब्जेक्टिव प्रश्नों की संख्या बढ़ेगी
-वर्ष 2014 की परीक्षा से प्रभावी होगा बदलाव
रांचीः इंटर साइंस के रिजल्ट में सुधार के लिए जैक ने प्रश्नपत्र में बदलाव करने का प्रस्ताव तैयार किया है. वर्ष 2014 की इंटर परीक्षा के पूर्व साइंस के प्रश्नों के पैटर्न में बदलाव किया जा सकता है. प्रश्नपत्र के पैटर्न में बदलाव की तैयारी शुरू कर दी गयी है.
साइंस के सभी विषयों में एक अंक वाले (ऑब्जेक्टिव) प्रश्नों की संख्या बढ़ायी जायेगी. इसके अलावा प्रश्नों को और अधिक सरल बनाया जायेगा. वर्तमान में एक अंक वाले आठ प्रश्न व दो अंक के दस प्रश्न पूछे जाते हैं. एक अंक के प्रश्नों की संख्या बढ़ाकर दस से 15 और दो अंक के भी दस प्रश्न करने का प्रस्ताव है. राज्य में इंटर साइंस में आधे से अधिक विद्यार्थी फेल कर जाते हैं. यहीं कारण है कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इसमें सुधार की कवायद शुरू की है.
वनस्पति व जंतु विज्ञान की परीक्षा अलग
इंटर साइंस में वर्ष 2014 से वनस्पति व जंतु विज्ञान की परीक्षा अलग–अलग होगी. अब तक दोनों विषयों के लिए प्रश्न पत्र एक साथ दिये जाते थे, जबकि उत्तरपुस्तिका अलग से देने का प्रावधान है. परीक्षा के दौरान अक्सर देखा जाता था कि दोनों विषय के उत्तर विद्यार्थी एक ही उत्तरपुस्तिका में लिख देते थे. जिससे मूल्यांकन के समय काफी परेशानी होती थी. अब दोनों विषय के लिए अलग से प्रश्न पत्र व उत्तरपुस्तिका दी जायेगी.
मूल्यांकन पर भी होगा विचार
कार्यशाला में प्रश्नों के पैटर्न के साथ–साथ मूल्यांकन में भी सुधार पर भी विचार किया जायेगा. मूल्यांकन के दौरान परीक्षक को किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, इस पर विचार किया जायेगा. स्टेपवाइज मूल्यांकन पर चर्चा होगी.
दूसरे बोर्ड के प्रश्नों का अध्ययन
प्रश्नों के पैटर्न मे बदलाव के पूर्व सीबीएसइ, बिहार समेत देश के अन्य राज्यों के प्रश्नों के पैटर्न का अध्ययन किया जायेगा. प्रश्न पत्र पैटर्न से रिजल्ट पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में भी विचार किया जायेगा. इसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जायेगा.
शिक्षकों की होगी कार्यशाला
रिजल्ट में सुधार के लिए झारखंड एकेडमिक काउंसिल के तत्वावधान में राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा. कार्यशाला में सभी जिलों से गणित, रसायन व भौतिकी के दो–दो शिक्षक भाग लेंगे. कार्यशाला 11 सितंबर से शुरू होगी.
आधे विद्यार्थी हो जाते हैं फेल
राज्य में इंटर साइंस में आधे विद्यार्थी फेल हो जाते हैं. गत आठ वर्षो में कभी भी साइंस का रिजल्ट 50 फीसदी से अधिक नहीं हुआ. खराब रिजल्ट के कारण राज्य में साइंस पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या घट रही है. वर्ष 2013 में इंटर साइंस में विद्यार्थियों की संख्या 26 हजार घट गयी.
(सुनील कुमार झा)