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जिंदल ने सरकार से मांगी सुरक्षा

– सुनील/निरभ – गोड्डा में पावर प्लांट के अधिकारियों को नक्सलियों ने रोका रांची/गोड्डा : गोड्डा में पावर प्लांट लगा रहे जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के अधिकारियों को नक्सलियों ने जीतपुर कोल ब्लॉक में जाने पर रोक लगा दी है. उन्हें जान से मारने की धमकी दी है. इससे जीतपुर कोल ब्लॉक के […]

– सुनील/निरभ –

गोड्डा में पावर प्लांट के अधिकारियों को नक्सलियों ने रोका

रांची/गोड्डा : गोड्डा में पावर प्लांट लगा रहे जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के अधिकारियों को नक्सलियों ने जीतपुर कोल ब्लॉक में जाने पर रोक लगा दी है. उन्हें जान से मारने की धमकी दी है. इससे जीतपुर कोल ब्लॉक के लिए भूमि की मापी और अधिग्रहण का काम प्रभावित हो रहा है.

यह कोल ब्लॉक निर्माणाधीन पावर प्लांट से 10 किमी की दूरी पर ही है. कंपनी ने अब राज्य सरकार से सुरक्षा की मांग की है. गोड्डा में जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड 1320 मेगावाट के पावर प्लांट लगा रहा है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसी वर्ष 30 अप्रैल को इसका शिलान्यास किया था. कंपनी को जीतपुर कोल ब्लॉक आवंटित किया गया है.

काम पूरी तरह बंद नहीं : एवीपी

पूछे जाने पर कंपनी के एवीपी पीवीके चरण ने बताया : काम पूरी तरह बंद नहीं हुआ है. घटना एक महीना पहले की है. जमीन अधिग्रहण के सिलसिले में लोग गये थे. अभी कोल ब्लॉक में काफी प्रक्रिया बाकी है. भूमि अधिग्रहण आदि के लिए बातचीत चल रही है.

पहले भी कई कंपनियों को मिल चुकी है धमकी

हजारीबाग में 4000 मेगावाट अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट के डेवलपर रिलायंस पावर को नक्सली धमकी दे चुके हैं. जुलाई 2011 में कंपनी के एक पदाधिकारी की केरेडारी में नक्सलियों ने हत्या भी कर दी थी.

चंदवा में एस्सार पावर प्लांट को 2010 में नक्सलियों ने धमकी दी थी. इसके बाद कंपनी ने सरकार से सुरक्षा की गुहार लगायी थी. सरकार ने सुरक्षा उपलब्ध करायी.

चंदवा में ही अभिजीत ग्रुप 1740 मेगावाट का पावर प्लांट लगा रहा है. ग्रुप के पावर प्लांट पर कई बार नक्सलियों ने हमला भी किया था. 2009 से लगातार कंपनी को धमकी मिल रही थी. 2011 में राज्य सरकार ने कंपनी को सुरक्षा उपलब्ध करायी.

पावर प्लांट से करीब 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा

8500 करोड़ की लागत से करीब 475 एकड़ में प्लांट की स्थापना की जा रही है

इसके लिए कंपनी को जीतपुर कोल ब्लॉक आवंटित है, जो प्रस्तावित पावर प्लांट से 10 किमी दूर है.

ग्रामीणों की सहमति से सरकारी अधिग्रहण नीति के तहत जमीन ली गयी है. एप्रोच रोड बाउंड्री वॉल का निर्माण कार्य आरंभ हो गया है. साढ़े तीन वर्ष में पावर प्लांट से उत्पादन आरंभ होना है. पावर प्लांट के लिए आवश्यक वन एवं पर्यावरण की स्वीकृति ले ली गयी है.

क्या कहती है जिंदल कंपनी : झारखंड सरकार ने हमारी सभी परियोजना के लिए हमेशा सहयोग किया है. हम माइनिंग क्षेत्र में पदस्थापित मैन पावर की सुरक्षा के लिए भी सरकार से सहयोग की अपेक्षा कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि हमारी आनेवाली परियोजनाओं के लिए सरकार का सहयोग इसी तरह मिलेगा. इससे राज्य के लोगों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. राज्य के विकास में ये भी सहभागी बनेंगे.

जेएसपीएल प्रवक्ता

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