रांची: कुपोषित बच्चों के उपचार के लिए सरकार कुपोषण उपचार केंद्र (एमटीसी) का संचालन करती है. गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की संख्या के मद्देनजर वर्ष 2009 में शुरुआत हुई थी. तब यूनिसेफ की मदद से पांच बेड वाले सात केंद्र खोले गये थे.
अभी इनकी संख्या 68 है. कुपोषण उपचार केंद्रों पर बच्चे को चिकित्सक व पारा चिकित्सा कर्मियों के निर्देशन में जरूरी पोषाहार, विटामिन व दवाएं दी जाती है. इससे पहले ग्राम स्तर पर कुपोषित बच्चों की पहचान आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, सहिया एवं एएनएम के माध्यम से की जाती है.
इन बच्चों की पहचान, रेफरल व फॉलोअप चेकअप में समेकित बाल विकास परियोजना (आइसीडीएस) की अहम भूमिका होती है. अब तक इन केंद्रों पर कुल 16369 बच्चों का उपचार किया गया है. इनमें से 9149 बच्चे निर्धारित 15 फीसदी वजन वृद्धि के साथ डिसचार्ज किये गये. विभिन्न जिलों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 10 बेड वाले 28 केंद्र और खोले जाने हैं.