रांची: राज्य भर में 5.44 लाख बच्चों के कुपोषित होने का अनुमान है. यह आकलन नेशनल गाइड लाइन के तहत किया गया है. वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर झारखंड की जनसंख्या लगभग 3.29 करोड़ है. इसमें 14 फीसदी पांच वर्ष तक उम्र वाले बच्चे हैं. यानी कुल 46.15 लाख. नेशनल गाइड लाइन के तहत इनमें से 11.8 फीसदी बच्चे अति कुपोषित हैं. इस आधार पर इनकी संख्या 5.44 लाख होती है. वहीं इनमें से 81690 कुपोषित बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने का अनुमान है. रांची में कुपोषित बच्चों की संख्या सर्वाधिक है.
उधर, समाज कल्याण विभाग के अनुसार राज्य में कुपोषित बच्चों की संख्या लगभग 90 हजार है. दरअसल राज्य सरकार के पास कुपोषित बच्चों की सही संख्या संबंधी आंकड़े नहीं हैं. इसका कोई ताजा सर्वे भी नहीं हुआ है. ट्रेंड के आधार पर इसका आकलन होता रहा है. समाज कल्याण विभाग के आंकड़े आंगनबाड़ी केंद्रों से मिली सूचना पर आधारित हैं.
हालांकि महालेखाकार ने वर्ष भर पहले ही पोषाहार व कुपोषित बच्चों के सव्रे पर सवाल उठाये थे. तीन जिलों (गढ़वा, दुमका व धनबाद) की सैंपल जांच के आधार पर महालेखाकार ने निष्कर्ष निकाले थे.
विभाग को उन विभागीय आंकड़ों के बारे तथ्यपूर्ण जवाब देने को कहा था, जिसमें वर्ष 2006-07 में इन जिलों में अति कुपोषित बच्चों की संख्या 119713 तथा वर्ष 2010-11 में सिर्फ 19122 (84 फीसदी कम) बतायी गयी थी. विभाग कुपोषित बच्चों की संख्या में आयी इस भारी गिरावट का स्पष्ट कारण नहीं बता सका था.