कुडू (लोहरदगा) : तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी ने शुक्रवार को चंदवा के घने जंगलों में बैठक की.टीएसपीसी ग्रामीणों की समस्याओं से भी दो–चार हुई. मौके पर मौजूद दक्षिण प्लाटून कमांडर सह प्रवक्ता विक्रांत जी ने वर्तमान हालात, माओवादियों के गिरते जनाधार, आपस में हो रही मुठभेड़, उग्रवादियों के फरमान से खाली हो रहे गांव के गांव मुद्दे पर लंबी बातचीत की.
विक्रांत जी ने कहा कि माओवादी अपने सिद्धांतों से भटक गये हैं. जनता को दिग्भ्रमित करते हुए पूंजीवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. मार्क्सवादी, लेनिनवादी ने कहा था कि बंदूक से कभी क्रांति इस नीति के तहत नहीं आ सकती है. माओवादी क्रांति के नाम पर जनता का शोषण कर रहे हैं. जनता जागरूक हो रही है. क्रांति को माओवादी हथियार की नोंक पर दबाना चाहते हैं.
टीएसपीसी कभी नहीं चाहता कि जनता का शोषण हो. यह कहां का इंसाफ है कि तीन फीट के नीचे से पानी नहीं पीना है. खाना बनाने के लिए जलावन नहीं ले जाना है. सड़क पर चलना नहीं है. हर गांव से युवक चाहिए, नहीं देने पर गांव– घर जलाने की धमकी देना. माओवादियों का क्रांति पतन शुरू हो गया है. टीएसपीसी जनता का शोषण करने वालों को नहीं बख्शेगी. चाहे वह किसी भी संगठन का हो.
टीएसपीसी स्थानीय स्तर पर गुरिल्ला दस्ता बना रही है ताकि जनता की तमाम समस्याओं का निबटारा स्थानीय स्तर पर हो सके. बंदूक से क्रांति तभी आ सकती है जब अपनी नीति एवं सिद्धांतों में बदलाव किया जाये. टीएसपीसी को जनता का समर्थन मिल रहा है. माओवादी शोषण से यहां की जनता उब चुकी है एवं माओवादियों से लड़ने की तैयारी हो रही है.
* गांव खाली हो रहे है, जनता परेशान है
टीएसपीसी प्रवक्ता विक्रांत जी ने कहा कि जंगलों में बसे गांव हुरबहार, बेलटांड़, जवाखांड़, बेलंगा, हेसालौंग, चिलदिरी, करंजुआ, हडगड़ा, आरा, माल्डन के ग्रामीण दहशत में है. इन गांवों से माओवादियों ने युवक मांगे हैं. एक समय था जब तमाम गांव के लोग संगठन को संरक्षण देते थे. आज युवक दस्ता में जाना नहीं चाह रहे हैं. नीति गलत है माओवादियों की. माल्हन में ग्रामीणों को पीटना कहां तक जायज है.
* गांवों में करेंगे बैठक
विक्रांत जी ने बताया कि चंदवा थाना क्षेत्र के दर्जन भर गांव हुरबहार, चिलदिरी, मड़मा, हेसालौंग, जवाखांड़, बेलटांड़, करंजुआ, आरा, माल्हन आदि गांव के ग्रामीणों में उत्पन्न दहशत का दूर करने के लिए संगठन जल्द बैठक करेगा.
* माओवादी संगठन कमजोर हुआ है
टीएसपीसी संगठन के साथ प्रतिनिधि लगभग चार घंटे रहा. इस बीच संगठन के बारे में टीएसपीसी प्रवक्ता ने लंबी चर्चा की. माओवादियों के नेपाल एवं आंधप्रदेश के उग्रवादियों से संपर्क पर विक्रांत जी ने कहा कि संपर्क है. माओवादियों को हथियार नेपाल से आपूर्ति होती है. हाल के दिनों में दोनों संगठन आपस में आधा दर्जन बार भिड़े हैं. इस पर विक्रांत जी ने कहा कि चतरा से दोनों संगठनों में भिड़ंत प्रारंभ हुई है. लगभग मुठभेड़ में माओवादियों को मात खानी पड़ी है. माओवादियों के कई सदस्य मारे गये. दर्जनों हथियार लूटे हैं. नतीजा माओवादी कमजोर हो गया है. संगठन को बढ़ाने के लिए माओवादी परेशान है.
* बंधक बने तीनों माओवादियों को टीएसपीसी ने किया मुक्त
कुडू (लोहरदगा) : कुडू एवं चंदवा थाना क्षेत्र की सीमा पर स्थित मड़मा जंगल में 29 जुलाई को भाकपा (माओवादी) एवं तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी के बीच मुठभेड़ के बाद तीन माओवादियों को टीएसपीसी ने बंधक बना लिया था. इनमें दो महिला एवं एक पुरुष शामिल थे. शुक्रवार को चंदवा थाना क्षेत्र के धने जंगलों में जन अदालत लगा कर टीएसपीसी ने तीनों को मुक्त कर दिया.
टीएसपीसी के दक्षिण प्लाटून कमांडर सह प्रवक्ता विकांत जी ने बताया कि 29 जुलाई को सूचना मिली कि माओवादियों का एक दस्ता मड़मा जंगल में ठहरा हुआ है एवं ग्रामीणों पर युवक को दस्ता में शामिल करने का दबाव बना रहे हैं. टीएसपीसी का दस्ता मड़मा जंगल पहुंचा. दोनों तरफ से मुठभेड़ प्रारंभ हो गयी. सुबह नौ बजे से प्रारंभ हुई मुठभेड़ एक घंटे तक चली.
भारी पड़ता देख माओवादी दस्ता बच्चों को सहारा लेकर भाग निकला. मुठभेड़ के बाद तीन माओवादियों को बंधक बना लिया गया. दो महिला दस्ता के सदस्यों एवं एक युवक दस्ता का शामिल था. पकड़े गये माओवादी सिकंदर जो किस्को थाना क्षेत्र का केरार का रहने वाला था. शुक्रवार को चंदवा थाना क्षेत्र के घने जंगल में सिकंदर को आजाद कर दिया गया. सिकंदर ने मुक्त होने के बाद बताया कि माओवादी जोनल कमांडर नकुल जी, मनेश्वर जी एवं मदन जी दो माह पहले गांव पहुंचे थे.
डरा–धमका कर संगठन में शामिल कर लिये. माओवादी हर गांव से एक युवक मांग रहे हैं. नहीं देने पर मारने–पीटने गांव को आग लगाने की बात करते हैं. इस दस्ते में 45 लोग हैं. इनमें 20 से 25 बच्चे हैं. जिनकी उम्र 12 से 14 वर्ष है. दो लड़कियां है. मात्र 10 से 12 हथियार हैं. सिकंदर ने बताया कि टीएसपीसी ने मारपीट नहीं की.
अब कभी दस्ता में शामिल नहीं होंगे. जबरन ले जायेंगे, तो भाग जायेंगे. घर पर नहीं रहेंगे. बाहर जायेंगे. टीएसपीसी प्रवक्ता विकांत जी ने तीनों को कड़ी चेतावनी देकर परिजनों को सौंपा, सिकंदर के परिजन नहीं पहुंचे थे. इसलिए जनता के हवाले कर दिया गया.